लॉकडाउन में शादी, मास्क पहनकर दूल्हा-दुल्हन ने लिए फेरे

कोरोना वायरस (Coronavirus) की साइकिल के पहियों को रोकने के लिए देश में 21 दिन का लॉकडाउन है। जिसके बाद पूरा देश थम सा गया है। ज्यादातर जगहों पर मार्च और अप्रैल में होने वाली शादियों को आगे के लिए बढ़ा दिया गया है। ऐसे में रविवार को जोधुपर में एक शादी हुई लेकिन, बेहद सादगी के साथ। शादी में दूल्हा सिर्फ दो बाराती लेकर पहुंचा। लड़की पक्ष के भी इक्का-दुक्का रिश्तेदारों की मौजूदगी में यह शादी हुई। हालांकि दुल्हन की विदाई रोक दी गई। लॉकडाउन खत्म होने के बाद गाजे-बाजे के साथ दुल्हन की विदाई होगी।

शहर के ईसाइयों के कब्रिस्तान इलाके में रहने वाले लिखमाराम भादू की तीन बेटियों की शादी 29 मार्च को होनी थी। इस बीच कोरोना के कारण बिगड़ने हालात काबू करने के लिए देश में लॉकडाउन कर दिया गया। ऐसे में लिखमाराम ने अपनी तीनों बेटियों की शादी टालने के लिए लड़के वालों से बात की। दो लड़के वाले तो तैयार हो गए, लेकिन एक तैयार नहीं हुए। कारण था सामाजिक मान्यता। दरअसल, लिखमाराम की तीसरी बेटी संतोष की शादी जियाराम से होनी थी। यहां लड़के वालों ने दूल्हे के घी पिला की रस्में शुरू कर दी गई थी। घी पिला राजस्थान का एक स्थानीय रिवाज है। सामाजिक मान्यता के अनुसार घी पिला की रस्म शुरू होने के बाद विवाह टाला नहीं जा सकता है। इस पर सभी ने तय किया कि एक बेटी संतोष की शादी पूर्व निर्धारित तिथि को होगी। इस पर बगैर किसी धूम धड़ाके के दूल्हे के साथ दो बाराती रविवार शाम एक कार में सवार होकर पहुंचे। सादगी के साथ दोनों के विवाह की सभी रस्मों को विधि पूर्वक पूरा किया गया। हालाकि, दुल्हन की विदाई को कुछ समय के लिए रोक दी गई है। दुल्हन की विदाई बाद में उसकी दो अन्य बहनों की शादी के समय एक साथ की जाएगी। ऐसे में दुल्हन को साथ लिए बगैर दूल्हा अकेला ही वापस लौट गया। शादी के दौरान दूल्हा-दुल्हन मुंह पर मास्क लगाकर बठे रहे।