इस एक 'बाल्टी' के कारण छिड़ा था भीषण युद्ध, हुई थी 2000 सैनिकों की मौत

इतिहास में कई भयानक युद्ध हुए हैं जिनसे जुड़ी कहानी बेहद रोचक और अविस्मरनीय रही हैं। ऐसा ही एक युद्ध आज से करीब 695 साल पहले हुआ था जो सिर्फ एक बाल्टी के लिए था। इस भीषण युद्ध में 2000 से ज्यादा लोग मारे गए थे। हम बात कर रहे हैं 1296 में हुई बोलोग्ना और मोडेना के बीच की लड़ाई की। उस समय इटली में धार्मिक तनाव काफी ज्यादा बढ़ गया था। यहां के दो राज्यों बोलोग्ना और मोडेना के बीच अक्सर लड़ाईयां होती रहती थीं, क्योंकि बोलोग्ना को ईसाई धर्मगुरु पोप का समर्थन मिला हुआ था जबकि मोडेना को रोमन सम्राट का समर्थन प्राप्त था। असल में बोलोग्ना के लोगों का मानना था कि पोप ही ईसाई धर्म के सच्चे गुरु हैं, जबकि मोडेना के लोग मानते थे कि रोमन सम्राट ही असली गुरु हैं।

कहते हैं कि रिनाल्डो बोनाकोल्सी के शासनकाल में मोडेना काफी ज्यादा आक्रामक हो गया था और अक्सर बोलोग्ना पर हमले करते रहता था। दोनों राज्यों के बीच का यह तनाव उस वक्त एक बड़ी लड़ाई में तब्दील हो गया, जब 1325 में मोडेना के कुछ सैनिक चुपचाप बोलोग्ना के एक किले में घुस गए और वहां से लकड़ी की एक बाल्टी चुरा ली। कहते हैं कि वह बाल्टी हीरे-जवाहरातों से भरी हुई थी। जब कीमती रत्नों से भरी बाल्टी की चोरी की बात बोलोग्ना की सेना को पता चली तो उन्होंने मोडेना से उसे वापस देने को कहा, लेकिन मोडेना ने इससे साफ इनकार कर दिया। इसके बाद बोलोग्ना ने मोडेना के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर दी।

बोलोग्ना के पास उस समय 32 हजार लोगों की सेना थी, जबकि मोडेना के पास सिर्फ सात हजार सैनिक थे। दोनों राज्यों के बीच सुबह-सुबह शुरू हुई लड़ाई आधी रात तक चली थी, लेकिन सबसे हैरानी की बात ये थी कि कम सैनिकों के बावजूद इस युद्ध में मोडेना की जीत हुई थी। इस युद्ध में दो हजार से भी ज्यादा सैनिक मारे गए थे। बोलोग्ना और मोडेना के बीच हुई इस लड़ाई को 'वॉर ऑफ द बकेट' या 'वॉर ऑफ द ऑकेन बकेट' के नाम से जाना जाता है। आज भी वह बाल्टी एक म्यूजियम में रखी हुई है, जिसके लिए भीषण युद्ध लड़ा गया था।