कोरोना कहर में नौकरी जाने के बाद भी यह महिला इस तरह कर रही दूसरों की मदद

कोरोना का कहर अभी भी जारी हैं जिसके चलते दुनियाभर में संक्रमितों का आंकड़ा 66 लाख को पार कर गया हैं। ऐसा ही कोरोना का कहर पड़ा हैं कई नौकरी करने वालों पर जिनकी नौकरी चली गई। ऐसी ही एक है मुंबई की रहने वाली महिला है विद्या शेलके जो कि एक राइड शेयरिंग कंपनी के लिए काम करती थीं। लेकिन इस कोरोना कहर में उनकी नौकरी चली गई। लेकिन वे इस बुरे दौर में निराश होकर नहीं बैठी बल्कि दूसरों की मदद करने के लिए आगे आई।

उन्होंने मुंबई से लोगों को घर पहुंचाने का काम शुरू कर लिया। वो पेशे से एक ड्राइवर हैं। सूत्रों के अनुसार, विद्या शेलके ने अब तक 150 लोगों को अपनी टैक्सी से घर पहुंचा चुकी हैं। इसमें ज्यादातर बुजुर्ग और महिलाएं शामिल हैं। उन्होंने खासतौर पर उन लोगों की मदद की, जो गांव से दूर शहर में रोजगार की तलाश में आए थे। लेकिन लॉकडाउन में फंस गए।

जब देश में लॉकडाउन हुआ, तो बहुत से लोग ऐसे थे जिनकी अपने घर, अपने गांव लौटना मजबूरी बन चुका था। विद्या ने अपनी टैक्सी पर लोगों को सिर्फ घर ही नहीं छोड़ा बल्कि खुद ही पहले उनके लिए ई-पास बनवाए। उन्होंने पुणे, नासिक, औरंगाबाद, कोल्हापुर, सातार, नागपुर के ई-पास बनवाया। इस बारें में 28 वर्षीय विद्या कहती हैं, ‘शहर में रोज के रोज खर्चे बढ़ते ही चले जाते हैं। बच्चों की शिक्षा और बाकी का खर्च महज एक शख्स की कमाई से घर नहीं चल सकता। मेरे पति काफी मेहनत करते हैं। मैं उनका सपोर्ट करना चाहती हूं और बच्चों के सपने पूरे करना चाहती हूं।’