क्या सच में दूसरी दुनिया से आए थे 'वूलपिट के हरे बच्चे', अनसुलझा रहस्य

यह दुनिया कई रहस्यों से भरी हैं जिनके बारे में जानकर ही दिमाग सुन्न हो जाता हैं। कई रहस्य तो ऐसे हैं जिनकी सत्यता पर आज भी बड़ा सवाल हैं। ऐसा ही एक अनोखा अनसुलझा रहस्य है वूलपिट के हरे बच्चों का। जी हाँ, यह किस्सा इंग्लैंड के एक गाँव वूलपिट का हैं तब वहां राजा स्टीफन का शासन था। गर्मियों के दिन थे। लोग अपने-अपने खेतों में काम कर रहे थे। तभी अचानक ग्रामीणों ने दो अजीब से दिखने वाले बच्चों को देखा, जिसमें एक लड़का था और एक लड़की। उनकी त्वचा का रंग हरा था और सबसे हैरानी की बात कि वो एक ऐसी भाषा बोल रहे थे, जो किसी को समझ में ही नहीं आ रही थी। साथ ही उनके कपड़े भी बिल्कुल अलग थे।

आखिरकार गांववाले उन बच्चों को वहां के जमींदार के यहां ले गए। वहां बच्चों को खाना दिया गया, लेकिन उन्होंने वो खाना नहीं खाया बल्कि उन्हें वही पास में बीन्स का एक पौधा दिखा तो वो जाकर कच्चा बीन्स ही तोड़कर खाने लगे। कई दिनों तक ऐसा ही चलता रहा। वो सिर्फ कच्चा बीन्स ही खाते थे। हालांकि कई महीनों के बाद बच्चे थोड़ा-थोड़ा सामान्य खाना भी खाने लगे थे, लेकिन इसके बावजूद उनकी भाषा किसी को भी बिल्कुल समझ में नहीं आती थी। कहते हैं कि किसी कारणवश उन दोनों बच्चों में से लड़का बीमार रहने लगा और कुछ ही दिनों में उसकी मौत हो गई। हालांकि लड़की बिल्कुल ठीक थी।

कहते हैं कि समय के साथ-साथ लड़की की त्वचा का हरा रंग भी धीरे-धीरे गायब हो गया और वो भी सामान्य इंसानों की तरह दिखने लगे। साथ ही उसने अंग्रेजी बोलना भी सीख लिया। इसके बाद उसने अपनी हैरान करने वाली कहानी सबको बताई। उसने बताया कि वो और उसका भाई (जो अब मर चुका था) सेंट मार्टिन नाम की एक जगह से आए थे, जो धरती के अंदर है। वहां सूरज कभी नहीं चमकता था, सिर्फ धुंधली की रौशनी रहती थी। उसने यह भी बताया कि 'सेंट मार्टिन लैंड' के सभी लोग हरे रंग के थे। अब ये घटना हकीकत है या कोई कहानी, ये तो कोई नहीं जानता, लेकिन वूलपिट के लोग इस घटना को बिल्कुल सच मानते हैं। तभी तो यहां लोहे का एक बोर्डनुमा खंभा लगाया गया है, जिसपर दोनों हरे बच्चों को दर्शाया गया है।