भारत का अनोखा रेलवे स्टेशन जिसका नहीं हैं कोई नाम, दो गांव के बीच झगड़ा बना बड़ी वजह

भारतीय रेल का नेटवर्क अपनेआप में बेहद अनोखा हैं जो एशिया का दूसरा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है और देश के कई हिस्सों को जोड़ने का काम करता हैं। देश में कई रेलवे स्टेशन जो विभिन्न वजहों से अपना नाम बनाते हैं। आज इस कड़ी में हम आपको एक ऐसे ही अनोखे रेलवे स्टेशन के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका कोई नाम ही नहीं हैं। इस बात को जानकर आपको हैरानी भी हो रही होगी कि भला ऐसे कैसे हो सकता है। तो आपको बता दें कि यह रेलवे स्टेशन पश्चिम बंगाल में स्थित है, जिसका अपना कोई नाम नहीं है। यह स्टेशन पश्चिम बंगाल के बर्धमान से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

बांकुरा-मैसग्राम रेल लाइन पर स्थित यह स्टेशन दो गांवों रैना और रैनागढ़ के बीच में पड़ता है। शुरुआत में इस स्टेशन को रैनागढ़ के नाम से जाना जाता था। रैना गांव के लोगों को यह बात पसंद नहीं आई। क्योंकि इस स्टेशन की बिल्डिंग का निर्माण रैना गांव की जमीन पर किया गया था।

रैना गांव के लोगों का मानना था कि इस स्टेशन का नाम रैनागढ़ की जगह रैना होना चाहिए। इस बात को लेकर दोनों गांव वालों के बीच झगड़ा शुरू हो गया। अब स्टेशन के नाम को लेकर शरू हुआ झगड़ा रेलवे बोर्ड तक पहुंच चुका है। झगड़े के बाद भारतीय रेलवे ने यहां लगे सभी साइन बोर्ड्स से स्टेशन का नाम मिटा दिया, जिसके बाहर से आने वाले यात्रियों का काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। स्टेशन का अपना कोई नाम नहीं होने के वजह से यात्रियों को बहुत परेशानी होती है। हालांकि, रेलवे अभी भी स्टेशन के लिए टिकट इसके पुराने नाम रैनागढ़ से ही जारी करती है।