...सुनने में लगेगा अजीब लेकिन ये महिला सिर्फ मिटटी खाकर जिन्दा हैं

इंसान जब जन्म लेता हैं तो सबसे पहले उसे माँ का दूध पिलाया जाता हैं। और जैसे-जैसे वह बड़ा होता हैं अपना पेट भरने के लिए वह भोजन के रूप में कई चीजों को ग्रहण करता हैं। जिसमें कभी-कभार तो बचपन में बच्चे रेत भी खाते रहते हैं जो कि समय के साथ आदत छूट जाती हैं। लेकिन जरा सोचिए कि किसी की ये आदत छूटे ही ना और वह जीवन भर केवल मिट्टी खाकर ही जिन्दा हो तो। सुनने में ये बात काल्पनिक लगती हैं, लेकिन असल में उत्तरप्रदेश की कुसुमावती केवल मिटटी खाकर ही जिन्दा हैं।

कुसुमावती नाम की 78 साल की यह वृद्धा पिछले 63 साल से रेत खा कर ज़िंदा रहती है। कुसुमावती की एक दिन की रेत की खुराक तकरीबन 1 किलो है। वह बताती है कि जब वह 15 साल की उम्र की थी तब वह बीमार पड़ गई थी। और उसका पेट फूलने लगा था। जिसके इलाज के दौरान डॉक्टर ने उसकी नाड़ी देखकर बताया कि आधा गिलास दूध और दो चम्मच बालू खाओ। जिसके कारण वो स्वस्थ भी रहती है और यही कारण है कि घर के लोग उसकी आदत छुड़ाने की कोशिश भी नहीं करते।

डॉक्टरों के अनुसार उसे साइकायट्रिस्ट बीमारी है। ज्यादातर लोग इस बीमारी में किसी न किसी आदत का शिकार हो जाते हैं। डॉक्टरों का यह मानना है कि उसकी पाचन क्रिया सामान्य है इसीलिए वह बालू खाने से बीमार नहीं होती। यह बालू मल के द्वारा उनके पेट से निकल जाती है। उसे एक सही मानसिक इलाज की जरूरत है।