वर्तमान समय में किसी भी प्रकार का चिकित्सकीय उपचार करवाना कोई आम बात नहीं हैं, क्योंकि इनमें इतना पैसा खर्च हो जाता हैं जो एक आम इंसान की पूरी जिन्दगी की आय का एक बड़ा हिस्सा होता हैं। लेकिन आपको जानकार हैरानी और खुशी दोनों होगी कि आज भी इंसानियत लोगों में जिन्दा है और इसका एक प्रतीक हैं अखंड ज्योति आई हॉस्पिटल। यह बिहार के सारण जिले के मस्तीचक गांव के एक मंदिर के परिसर में खोला गया हैं और इसका मकसद है 2022 तक बिहार से दृष्टिहीनता को जड़ से खत्म करना। तो आइये जानते हैं इस हॉस्पिटल के बारे में।
आपको बता दें कि बिहार में करीब 7 लाख लोग ऐसे हैं जो देख पाने में अक्षम है और हर साल एक लाख से ज्यादा ऐसे लोगों की गिनती बढ़ रही है। ऐसे में बिहार में अखंड ज्योति आई हॉस्पिटल इस समस्या को जड़ से खत्म करने की दिशा में सबसे प्रभावी संगठन है।
यह अस्पताल हर साल करीब 67 हजार लोगों की आंखों की सर्जरी करता है, जिनमें से 52 हजार सर्जरी के लिए कोई पैसा नहीं लिया जाता। वे नि:शुल्क की जाती है। साथ ही अस्पताल बिहार के 36 जिलों में से 14 जिलों में आई केयर क्लीनिक संचालित करता है, जिनमें 80 प्रतिशत कर्मचारी महिलाएं हैं।
यह संगठन भारतीय प्राचीन हिंदू शास्त्रों के अनन्त ज्ञान से प्रेरित है और वही पवित्र ज्ञान इस अस्पताल की नींव का आधार है। ये नि:स्वार्थ सेवा के भाव में विश्वास रखते हैं।
2017 के अंत तक, इस अस्पताल की एक वर्ष में करीब 1 लाख 20 हजार आंखों की सर्जरी करने की योजना है, जिनमें से 90 हजार सर्जरी नि:शुल्क की जाएगी। अखंड ज्योति आई हॉस्पीटल का उद्देश्य 2022 तक बिहार से दृष्टिहीनता को जड़ से खत्म करने का है।