शादी के बाद लड़की का ससुराल ही उसका सबकुछ माना जाता हैं और महिलाओं को अपने ससुराल की जिम्मेदारियां संभालनी होती हैं। हांलाकि महिलाओं के लिए उनका मायका भी उतना ही महत्वपूर्ण होता हैं और होना भी चाहिए। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी घटना के बारे में बताने जा रहे है जहाँ एक शादीशुदा जोड़े के बीच तलाक की वजह बना पत्नी का मायके जाना और मामला हाईकोर्ट में पहुँच गया। आइये जानते हैं इस अनोखे मामले से जुड़ी पूरी जानकारी।
दिल्ली हाईकोर्ट ने किसी महिला के बार-बार मायके जाना तलाक का ठोस आधार माना है। कोर्ट ने टिप्पणी की है कि यदि महिला अपने मायके में बगैर किसी कारण अधिक दिनों तक रहती है तो कोर्ट इसे परित्याग की श्रेणी में मानता है। अदालत में एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी से इसलिये तलाक मांगा था कि वह बगैर किसी कारण अपने मायके बार-बार जाती है। कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुये तलाक अर्जी स्वीकार करते हुये उसके हक में फैसला सुनाया था। लेकिन इसके बाद महिला ने दिल्ली हाईकोर्ट में फैसले को चुनौती दी थी। न्यायमूर्ति प्रदीप नंदराजोग एवं प्रतिभा रानी की खंडपीठ ने महिला की याचिका को सिरे से खारिज करते हुये यह कहा कि बार-बार मायके रहना तलाक का ठोस आधार है। बताया जाता है कि जिस महिला का मामला कोर्ट में आया था, वह अपने मायके में हर बार जाती थी तथा अपने पिता की मौत के बाद तो वह साल भर से अधिक मायके में रही थी।