डायनासोर युग के है ये रहस्यमयी जानवर, ऊंचाई करीब 40 फीट

जब भी कभी डायनासोर का नाम आता हैं और इसकी पृथ्वी पर उपस्थिति की बात की जाती हैं तो अधिकतर लोग इससे सहमत होते हैं कि कई साल पहले ये धरती पर विचरण करते थे और धीरे-धीरे इनकी प्रजाति लुप्त हो गई। इसी समय काल के थे रहस्यमयी 'पैरासेराथेरियम' जिन्हें दुनिया का सबसे बड़ा स्तनधारी जीव कहा जाता था। वैज्ञानिक आज भी इससे जुड़े रहस्यों को जानने में लगे हुए हैं। ये आज से करीब तीन करोड़ 70 लाख पहले धरती पर घुमा-फिरा करते थे। ये इतने बड़े होते थे कि आज के समय के विशालकाय गैंडे भी उनके सामने बहुत छोटे लगेंगे। चलिए जानते हैं आखिर वो जानवर कौन है और इंसानों को उसके बारे में कैसे पता चला।

इस जानवर का नाम है 'पैरासेराथेरियम'। असल में वो गैंडे की ही एक प्रजाति थी, जो विलुप्त हो चुकी है। इनकी चमड़ी भी गैंडे की तरह ही मोटी और बेहद ही सख्त हुआ करती थी, जिसपर बंदूक की गोली का भी कोई असर न पड़े। आपको जानकर हैरानी होगी कि इतना विशालकाय होने के बावजूद ये जानवर शाकाहारी होते थे। इसलिए बाकी के छोटे जानवर उनसे डरते नहीं थे बल्कि आराम से उनके साथ-साथ घुमा करते थे।

पैरासेराथेरियम की ऊंचाई करीब 26 से 40 फीट तक होती थी जबकि इनका वजन करीब 15 से 20 टन हुआ करता था। इस जानवर की सबसे खास बात ये थी कि इनकी गर्दन जिराफ की तरह ही लंबी होती थी। हालांकि वैज्ञानिक अभी तक इनके बारे में पूरी तरह नहीं जान पाए हैं, क्योंकि इस जानवर का पूरा अवशेष अब तक कहीं मिला ही नहीं है। इनकी पूंछ का आकार भी अनुमान के तौर पर ही बताया जाता है।

पैरासेराथेरियम का जीवाश्म सबसे पहले 1846 ईस्वी में पाकिस्तान के बलूचिस्तान में खोजा गया था। इनके अवशेष चीन और रूस समेत कई पश्चिमी देशों में भी मिले हैं। कई देशों के वैज्ञानिक इस विशालकाय जानवर के रहस्यों को उजागर करने के लिए लगातार शोध कर रहे हैं।

इस जानवर के धरती से विलुप्त होने को लेकर ऐसा माना जाता है कि लगभग एक करोड़ 10 साल पहले तक ये एशिया और पश्चिमी यूरोप के क्षेत्रों में जीवित थे, लेकिन बाद में जलवायु परिवर्तन और कम प्रजनन दर की वजह से ये धरती से विलुप्त हो गए।