इन दो देशों की बॉर्डर पर नहीं कोई सेना, एक कदम बढ़ाते ही आप दूसरे देश में

आप सभी ने अक्सर दो देशों के बीच बॉर्डर पर तनाव की खबरें सुनी ही होगी। किसी भी देश की बॉर्डर पर तैनात सेना उस देश की रक्षा के लिए कर्तव्यबद्ध होती हैं। लेकिन क्या आप किसी ऐसे देश की सीमा के बारे में जानते हैं जहां की बॉर्डर पर कोई सैनिक तैनात नहीं रहता हैं। आज इस कड़ी में हम आपको एक ऐसे घर-गांव के बारे में बताने जा रहे हैं जिसमें आधा हिस्सा एक देश में तो आधा किसी और देश में पड़ता है। यह दुनियाभर के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है। यहां बड़ी संख्या में लोग घूमने के लिए आते हैं और अपने साथ बेहद ही खूबसूरत या यूं कहें कि अजीबोगरीब यादें लेकर जाते हैं।

यह घर नीदरलैंड और बेल्जियम दोनों देशों की सीमा के बीच है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस घर में दो डोरबेल लगे हुए हैं, एक नीदरलैंड की तरफ तो दूसरा बेल्जियम की तरफ। यहां सीमा (बॉर्डर) को दर्शाने के लिए एक पट्टी भी बनाई गई है और उसे चिह्नित किया गया है, ताकि पता चले कि कौन सा हिस्सा नीदरलैंड में है और कौन सा बेल्जियम में।

यहां सिर्फ एक घर ही नहीं है, जो दो देशों में पड़ता है। इसके अलावा यहां कई दुकानें, कैफे और रेस्टोरेंट भी हैं, जो नीदरलैंड और बेल्जियम दोनों देशों के बीचों-बीच हैं। यानी कि यहां आप कदम भी बढ़ाएंगे तो दूसरे देश में पहुंच जाएंगे और आपको पता भी नहीं चलेगा।

दरअसल, साल 1831 में बेल्जियम की आजादी के बाद नीदरलैंड और बेल्जियम के बीच जब सीमा का निर्धारण हो रहा था, तब दोनों देशों के दो गांव बीच में पड़ गए थे। ये गांव हैं बार्ले-नस्सो और बार्ले-हरटोग। अब चूंकि इन्हें अलग करना मुश्किल था, इसलिए दोनों देशों की सरकारों ने आपसी सहमति से दोनों गांवों के बीच एक पट्टी बना दी और नीदरलैंड और बेल्जियम की सीमाओं को चिह्नित कर दिया।

अब बार्ले-नस्सो और बार्ले-हरटोग नीदरलैंड और बेल्जियम दोनों देशों के बीच में पड़ते हैं। यहां की सबसे खास बात है कि न तो यहां बॉर्डर पर कोई फौज दिखाई देती है और न ही किसी तरह की सुरक्षा का इंतजाम है। इसके अलावा दोनों गांवों के लोगों को एक-दूसरे के देश में जाने के लिए वीजा या पासपोर्ट की भी जरूरत नहीं पड़ती। यहां बड़े आराम से लोग एक देश से दूसरे देश चले जाते हैं।