आखिर क्यों दिए गए ऑस्ट्रेलिया में 10 हजार ऊंटों को गोली मारने के आदेश, वजह हैरान करने वाली

आपने देखा ही होगा कि कई संस्थाएं जीव-जंतुओं को बचाने की पहल चलाती हैं और इसके लिए जागरूक भी करती हैं। वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया में लगी आग में करोड़ों जनावारों की मौत हो चुकी हैं और उन्हें बचाया भी अज रहा हैं, उसी के उलट ऑस्ट्रेलिया में 10 हजार ऊंटों को गोली मारने के आदेश दिए गए हैं। यह काम बुधवार से शुरू किया जाएगा, जिसमें पेशेवर निशानेबाज हेलीकॉप्टर से ऊंटों का शिकार करेंगे। ऐसा क्यों किया जा रहा हैं इसके पीछे का कारण बेहद हैरान करने वाला है। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले कुछ आदिवासी समुदायों की शिकायत है कि जंगली ऊंट पानी की तलाश में उनके इलाके में आते हैं और उनकी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाते हैं। इसी शिकायत के बाद ऊंटों को मारने का फैसला लिया गया है। इसमें करीब पांच दिनों का समय लग सकता है।

चिंता का विषय यह भी है कि पशु ग्लोबल वार्मिंग में भी अपना योगदान दे रहे हैं क्योंकि वे एक वर्ष में एक टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर मीथेन का उत्सर्जन करते हैं। ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रीय जंगली ऊंट प्रबंधन योजना का दावा है कि अगर ऊंटों को लेकर कोई रोकथाम योजना नहीं लाई गई तो यहां जंगली ऊंटों की आबादी हर नौ साल में दोगुनी हो जाएगी।

कार्बन फार्मिंग विशेषज्ञ रेजेनको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टिम मूर का कहना है कि एक लाख जंगली ऊंट प्रति वर्ष जितनी कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर मीथेन का उत्सर्जन करते हैं, वह सड़क पर चलने वाली अतिरिक्त चार लाख कारों के बराबर है। हालांकि ऊर्जा एवं पर्यावरण विभाग का कहना है कि जंगली जानवरों के उत्सर्जन को देश के उत्सर्जन अनुमान में नहीं माना जाना चाहिए क्योंकि वे घरेलू प्रबंधन के तहत नहीं हैं।

ऑस्ट्रेलिया वैसे भी जंगलों में लगी भयंकर आग से जूझ रहा है। इस अग्निकांड में अब तक लाखों जीव-जंतुओं की जलकर मौत हो चुकी है। कई दर्दनाक तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। ऐसे में यहां ऊंटों की बढ़ती आबादी भी चिंता का विषय बना हुआ है।