भारत में कई मंदिर है जो अपने अनोखेपन के लिए जाने जाते हैं। ऐसा ही एक अनोखा मंदिर हैं गोलू देवता का मंदिर। जो न्याय के लिए तो जाना ही जाता हैं, लेकिन इसी के साथ ही न्याय को पाने के लिए लिखी गई अर्जी के लिए भी जाना जाता हैं। क्योंकि इस मंदिर में न्याय पाने और मुराद पूरी होने के लिए स्टाम्प पेपर पर अर्जी लिखनी पड़ती हैं।
जी हां, उत्तराखंड राज्य में स्थित अल्मोड़ा में गोलू देवता का मंदिर है, जो कि चैत्य गोलू देवता के नाम से मशहूर है। गोलू देवता भगवान शिव के एक रूप भैरव का अवतार है, जिन्हें न्याय के देवता के रूप में पूजा जाता है। इतिहास के अनुसार, गोलू देवता अल्मोड़ा के राजा थे जिन्हें भगवान भैरव का अवतार माना जाता था। गोलू देवता और उनकी मां को अपने जीवन में उनकी सौतली मांओ के कारण बहुत कष्ट झेलना पड़ा। जिस वजह से गोलू देवता ने अपने शासनकाल में कभी किसी पर अन्याय नहीं होने दिया। और तभी से इस मंदिर में स्टंप पेपर की प्रथा शुरू हुई।
जिन लोगों को कहीं से भी न्याय नहीं मिलता वे गोलू देवता की शरण में आते हैं। यहां स्टांप पेपर पर लिखकर लोग मन्नतें मांगते हैं और पूरी होने पर घंटियां चढ़ाकर भगवान को धन्यवाद देते हैं। यहां कई घंटियां तो 50-60 साल या उससे भी ज्यादा पुरानी हैं। लोग मंदिर में आकर 10 रुपए से लेकर 100 रुपए तक के गैर-न्यायिक स्टांप पेपर पर लिखित में अपनी-अपनी अपील करते हैं और जब उनकी अपील पर सुनवाई हो जाती है तो वे फीस के तौर पर यहां आकर घंटियां तथा घंटे बांधते हैं।