अमेरिका (America) में ज्यादातर लोग हफ्तेभर में बीफ से बनी पैटी के तीन बार हैम्बर्गर (Hamburger) खा लेते हैं लेकिन स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर पैट ब्राउन ने बीफ से बनी पैटी की जगह अब लैब में पौधे से बनी शाकाहारी पैटी बनाने में सफलता हासिल कर ली है। इसमें इस्तेमाल की जाने वाली पैटी सोयाबीन, आलू और प्रोटीन से बनी है। इसमें नारियल और सूरजमुखी का तेल इस्तेमाल हुआ है, जो बिल्कुल बीफ जैसा टेस्ट देती है और इस शाकाहारी बर्गर का नाम दिया है-'इम्पॉसिबल बर्गर'। अमेरिका के 17 हजार रेस्तरां में इसकी बिक्री भी शुरू हो गई है।
न्यूयॉर्कर में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक वैज्ञानिक और विशेषज्ञ मांसाहार को जलवायु परिवर्तन से जोड़ रहे हैं। उनका तर्क है कि मांस से दुनिया के कार्बन फुटप्रिंट पर असर पड़ता है। दुनिया में 14।5% ग्रीनहाउस गैस के उत्सर्जन के लिए मवेशी जिम्मेदार हैं, जो उनकी जुगाली, मल और उनकी खाने की चीजों से पैदा होता है। वैज्ञानिक पैट ब्राउन कहते हैं कि कृत्रिम मांस दुनिया को जलवायु परिवर्तन से बचा सकता है।
बीफ से बनी पैटी का विकल्प सामने आने के बाद अब लोगों को जानवरों को पालने-पोसने की जहमत नहीं उठानी पड़ेगी। साथ ही पानी और चारे की भी बचत होगी।
ब्राउन का कहना है कि 2035 तक वे पौधे से बनी चिकन, मछली, सूअर, भेड़ के बच्चे के मांस वाली पैटी विकसित कर लेंगे। उनका कहना है कि हमारा लक्ष्य है कि मांस के इस्तेमाल को रोककर जलवायु परिवर्तन को कम करने में हरसंभव मदद करें।