बीते दिनों नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली द्वारा भगवान राम को नेपाल का बताया गया था जिसके चलते उन्हें काई विवाद का सामना करना पड़ा था। अब ऐसा ही एक अनोखा विवाद श्रीलंका से उठता दिखाई दे रहा हैं जिसमें श्रीलंका सरकार द्वारा दावा किया जा रहा हैं कि पांच हजार साल पहले सबसे पहला विमान रावन द्वारा उड़ाया गया था और वे इसे साबित भी करेंगे। हाल ही में श्रीलंका सरकार ने एक विज्ञापन जारी किया है, जिसमें लोगों से रावण से जुड़े दस्तावेज को साझा करने के लिए कहा गया है।
दरअसल, इस विज्ञापन को पर्यटन और उड्डयन मंत्रालय ने अलग-अलग अखबारों में जारी किया है। इस विज्ञापन में सिंहली भाषा का प्रयोग किया गया है। श्रीलंका सरकार ने विज्ञापन में कहा है कि हम रावण से जुड़े दावों का गहन शोध करना चाहते हैं और सबके सामने यह साबित करना चाहते हैं कि दुनिया का सबसे पहला विमान रावण ने ही उड़ाया था।
बता दें कि साल 2016 में कोलंबो में हुए सिविल एविएशन की कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए पूर्व उड्डयन मंत्री निर्मला सिरिपाला ने कहा था कि मॉडर्न एविएशन का इतिहास भले ही राइट ब्रदर्स से शुरू हुआ हो, लेकिन श्रीलंका का रावण एक बहादुर राजा था, जो दांदु मोनारा नाम का विमान उड़ाता था।
श्रीलंका के सिविल एविएशन अथॉरिटी के पूर्व उपाध्यक्ष शशि दानतुंज ने कहा कि दुनिया का पहला विमान रावण ने ही उड़ाया था, इस बात को साबित करने के लिए हमारे पास बहुत सारे तथ्य हैं। अगले पांस साल में हम इस बात को साबित भी कर देंगे।
भले ही भारत में रावण को उसके कुकर्मों के लिए जाना जााता हो, लेकिन श्रीलंका के सिंहल बौद्ध अनुयायी को दशानन में आस्था रखते हैं। श्रीलंका के तमाम लोग रावण को एक दयालु राजा बताते हैं। इतना ही नहीं श्रीलंका ने अपना पहला सेटेलाइट का नाम भी रावण-1 रखा था। श्रीलंका में रिसर्चर्स ने 50 ऐसे जगहों को खोजने का दावा किया है, जिनका सीधा संबंध रामायण से है। इस रिसर्च में एक गुफा का भी जिक्र किया गया है, जिसमें रावण का शव रखा गया था। ये गुफा श्रीलंका में रैगला के जंगलों के बीच मौजूद है।