1500 किलो सोने से बना है दक्षिण भारत का यह 'गोल्डन टेंपल', चमक ऐसी जो कर दें हैरान

भारत के कई अद्भुत और चमत्कारी मंदिर हैं जिनकी विशेषता देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी प्रसिद्द हैं। भारत के 'स्वर्ण मंदिर' या 'गोल्डन टेंपल' के बारे में तो सभी जानते हैं जो अमृतसर में हैं। लेकिन क्या आप दक्षिण भारत के 'स्वर्ण मंदिर' के बारे में जानते हैं जो 1500 किलो शुद्ध सोने से बना हुआ है और बेहद हैरान करने वाली चमक देता हैं। हम बात कर रहे हैं तमिलनाडु के वेल्लूर से सात किलोमीटर दूर थिरूमलाई कोडी में स्थित श्री लक्ष्मी नारायणी मंदिर के बारे में।

यह मंदिर लगभग 100 एकड़ जमीन पर बना हुआ है, जिसे बनने में करीब सात साल का समय लगा है। इसके निर्माण में करीब 300 करोड़ रुपये की लागत आई थी। कहते हैं कि इस मंदिर के निर्माण में जितना सोना लगा है, उतना दुनिया के किसी मंदिर में नहीं लगा है। वैसे तो दिन के समय भी सूरज की रोशनी में यह मंदिर खूब चमकता रहता है, लेकिन खासकर रात के समय जब मंदिर में प्रकाश किया जाता है तो इसमें लगे सोने की चमक देखते ही बनती है। 24 अगस्त 2007 को पहली बार इस मंदिर को दर्शन के लिए खोला गया था।

मंदिर परिसर में करीब 27 फीट ऊंची एक दीपमाला भी है, जिसे जलाने पर सोने से बना यह मंदिर एकदम जगमगा उठता है। मंदिर के निर्माण में लगे सोने की वजह से ही इसकी सुरक्षा में 24 घंटे पुलिस के जवान और गार्ड तैनात रहते हैं। इस स्वर्ण मंदिर का निर्माण वेल्लोर स्थित धर्मार्थ ट्रस्ट श्री नारायणी पीडम द्वारा कराया गया है, जिसके प्रमुख आध्यात्मिक नेता श्री सक्ति अम्मा को 'नारायणी अम्मा' के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर के पास ही श्री नारायणी अस्पताल और अनुसंधान केंद्र भी है, जिसे 'श्री नारायणी पीडम' चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा ही चलाया जाता है।