भारत में आज भी कई ऐसे गांव है जहां के लोग डॉक्टर और दवा पर कम और अंधविश्वास या झाड़फूंक पर विश्वास करते है। जिसकी खामियाजा उनको चुकाना भी पड़ता है लेकिन फिर भी वह लोग सुधरते नहीं है। हाल ही में एक ताजा मामला बिहार के मुंगेर जिले से सामने आया है जहां एक बच्ची को सांप काटने के बाद उपचार के बजाए झाड़फूंक किया जा रहा था। जिससे उसकी मौत हो गई। इसके बाद में बच्ची को सदर अस्पताल लाया गया। मुंगेर के टेटियाबम्बर थाना इलाके में एक 14 साल की बच्ची को सांप ने काट लिया। किन्तु परिजनों ने तत्काल इलाज कराने के बजाए झाड़फूंक शुरू कर दी। इसके बाद में उसे सदर अस्पताल ले जाया गया, किन्तु तब तक देर हो चुकी थी।
बच्ची शबनम शुक्रवार को घर में चूल्हे की लिपाई कर रही थी। इसके लिए वह अपने बागान से मिट्टी लेने के लिए गई थी। किन्तु मिट्टी खोदते समय एक जहरीले सांप ने उसे काट लिया। जिसके बाद उसकी हालत बिगड़ने लगी। वहीं, परिवार वालों ने उसका फौरन इलाज कराने के बजाए बच्ची को झाड़फूंक करवाने लगे। जब झाड़फूंक से कुछ नहीं हुआ तो परिवार वालें बच्ची को बेलहर थाना क्षेत्र के साहेबगंज में एक चिकित्सक के पास ले गए लेकिन जब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने कहा कि अगर वक़्त पर बच्ची को अस्पताल लाया जाता तो उसकी जान बच सकती थी। लेकिन अब बहुत देर हो गई है।