औरतों को जिंदा ही दफना देता था भारत का यह सनकी डॉक्टर

वर्तमान में कोरोना वायरस से इस लड़ाई में डॉक्टर को भगवान का दर्जा दिया गया हैं जो खतरे में भी मरीज की जिन्दगी के लिए दिन-रात लगे हुए हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे सनकी डॉक्टर के बारे में बताने जा रहे है जिसे 'डॉक्टर डेथ' के नाम से जाना जाता था। लोगों की जान बचाने वाला यही डॉक्टर लोगों के लिए मौत बन गया था और औरतों को जिंदा ही दफना देता था। इस सनकी डॉक्टर का नाम संतोष पोल है। वह छह कत्ल का आरोपी है, जिसमें पांच महिलाएं और एक पुरुष है। वह महाराष्ट्र के सतारा जिले में डोम नामक जगह पर रहता था और वही पास में ही एक अस्पताल में काम करता था। साल 2016 में उसे मुंबई के दादर से गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद उसने कई चौंकाने वाले खुलासे किए थे, जिसे सुनकर पुलिस भी हैरान रह गई थी।

मामले की शुरुआत कुछ इस तरह होती है कि जून 2016 में सतारा के वाई नामक जगह से 49 वर्षीय आंगनबाड़ी शिक्षिका मंगला जेधे अचानक गायब हो गई, जिसके बाद उसके घरवालों ने शक जताया कि इसमें डॉक्टर संतोष पोल का हाथ है। चूंकि संतोष पोल एक भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ता भी था और मंगला जेधे के घरवालों ने जिस पुलिस थाने में उसकी खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी, वहां के इंचार्ज के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला उसने उजागर किया था, इसलिए पुलिस भी उसके ऊपर हाथ डालने से कतरा रही थी। लेकिन बाद में जब दबाव बढ़ा तो पुलिस ने उसे पूछताछ के लिए थाने बुलाया।

पूछताछ में डॉक्टर संतोष पोल ने पुलिस को ही घुमा दिया और कहा कि मंगला जेधे के गायब होने में उसका कोई हाथ नहीं है। चूंकि पुलिस के पास उसके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं थे, इसलिए उसे छोड़ दिया गया। इसके बाद पुलिस ने मंगला जेधे के मोबाइल लोकेशन की जांच की तो पता चला कि उसका मोबाइल ज्योति मांद्रे नामक एक नर्स के पास है। ज्योति डॉक्टर संतोष पोल के साथ ही काम करती थी। इसके बाद पुलिस ज्योति को पूछताछ के लिए थाने लेकर आई। पूछताछ में ज्योति ने बताया कि डॉक्टर संतोष पोल ने मंगला जेधे का खून कर दिया है और उसे अपने फार्महाउस में ही दफना दिया है।

ज्योति के बयान के बाद पुलिस डॉक्टर संतोष पोल के फार्महाउस पहुंची और उस जगह की खुदाई की, जहां मंगला जेधे को दफनाया गया था। चूंकि वहां पर एक नारियल का पेड़ था, तो जेसीबी की मदद से उसे हटाया गया तो जमीन के नीचे से एक कंकाल मिला। फॉरेसिंक जांच से पता चला कि वह कंकाल मंगला जेधे का ही है। इसके बाद डॉक्टर संतोष पोल की खोजबीन शुरू हुई। चूंकि उसे ये पता चल गया था कि ज्योति पुलिस के सामने अपना मुंह खोल देगी, इसलिए वो पहले ही अपने किसी रिश्तेदार के यहां मुंबई के दादर चला गया था। हालांकि 11 अगस्त को पुलिस ने उसे वहां से गिरफ्तार कर लिया।

डॉक्टर संतोष पोल को सतारा लाया गया और पूछताछ शुरू हुई, जिसमें उसने बताया कि वह अब तक छह लोगों को मार चुका है, जिसमें पांच महिलाएं और एक पुरुष है। उसने सबसे पहला कत्ल साल 2003 में किया था। उसने बताया कि वह लोगों को पहले अपने फार्महाउस पर इलाज के बहाने बुलाता था और फिर उन्हें एक ऐसा इंजेक्शन दे देता था, जिससे उनका शरीर काम करना बंद कर देता था। हालांकि इस दौरान वो जिंदा ही होते थे। इसके बाद वो उन्हें अपने फार्महाउस में ही पहले से खोदे गए गड्ढे में दफना देता था और ऊपर नारियल का एक पेड़ लगा देता था, ताकि किसी को कोई शक न हो।

डॉक्टर संतोष पोल ने पुलिस को यह भी बताया कि उसने अपना जुर्म छुपाने के लिए यानी लाश की दुर्गंध आसपास न फैले, इसलिए उसने अपने फार्महाउस में एक पोल्ट्री फॉर्म भी खोल लिया था। उसके बयान के आधार पर पुलिस ने फार्महाउस में खुदाई की तो नारियल के पेड़ के नीचे से पांच कंकाल मिले और ये सब महिलाओं के थे जबकि एक पुरुष की लाश उसने एक तालाब में फेंक दिया था, जो मिली नहीं। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि डॉक्टर संतोष पोल ने उन सभी का कत्ल क्यों किया था।

पुलिस के मुताबिक, 2003 से 2016 के बीच वाई इलाके से लगभग 15 लोग गायब हुए थे और शक जताया गया है कि उन सभी लोगों को भी डॉक्टर संतोष पोल ने ही गायब किया होगा, लेकिन यह अब तक साबित नहीं हो सका है। इन हत्याओं में नर्स ज्योति ने भी डॉक्टर संतोष पोल का साथ दिया था, जो उसकी गर्लफ्रेंड थी। इस मामले में उसे भी आरोपी बनाया गया है। हालांकि उसका कहना था कि वह सिर्फ मंगला जेधे की ही हत्या के बारे में जानती थी। फिलहाल दोनों जेल में हैं और मामले की सुनवाई चल रही है।