हमारे समाज में कई ऐसी कुरीतियां व्यापत हैं जिनसे छुटकारा पाने के लिए सरकार द्वारा भी कई कदम उठाए जा रहे हैं। लेकिन जब तक लोगों में जागरूकता नहीं आएगी तब तक ये कुरीतियां शायद ही समाप्त हो। आज हम लड़का और लड़की को एक समान दर्जा देते हैं और हर क्षेत्र में लड़कियां आजकल बराबर का हिस्सा लेते हुए दिखाई दे रही है। लेकिन आज भी लोगों में बेटे की चाह उस सोच पर प्रश्नचिन्ह लगा देती है कि क्या लड़कियां और लड़के बराबर हैं। आज हम आपको राजस्थान के चूरू जिले का ऐसा ही किस्सा बताने जा रहे हैं जहां लड़के की चाह ने 41 वर्षीय गुड्डी ने 12 बच्चों को जन्म दिया। सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह है कि गुड्डी को अपने 11 बच्चों का नाम भी ठीक से याद नहीं है।
दरअसल, राजस्थान के चूरू जिले की तारानगर तहसील के झाड़सर गांव की 41 वर्षीय गुड्डी को बेटा चाहिए था। बेटे की उम्मीद मे उन्होंने 11 बेटियों को जन्म दे दिया। हालांकि 12वीं बार में उनकी इच्छा पूरी हुई और बेटे का जन्म हो गया। बेटा पैदा होने के बाद गुड्डी बहुत खुश हैं। बेटा नहीं होने के वजह से गुड्डी को गांव वालों से ताने भी सुनने को मिलते थे। गुड्डी की सबसे बड़ी बेटी की उम्र 22 साल है। यही नहीं उनकी 3 बेटियों की शादी भी हो गई है। गुड्डी का नवजात बेटा जन्म के साथ मामा भी बन गया है क्योंकि उसकी बड़ी बहन को भी बेटा हो चुका है।गुड्डी के पति कृष्ण कुमार गांव में ही चाय की दुकान चलाते हैं। इस दंपति की तीन बेटियां प्राइवेट स्कूल में और बाकी सरकारी स्कूल में पढ़ती हैं। दो छोटी बेटियां अभी घर में रहती हैं। पुत्र प्राप्ति के बाद कृष्ण भी काफी खुश हैं। भले ही सरकार जनसंख्या नियंत्रण के लिए कितनी भी योजनाएं शुरू कर दे, लेकिन जब तक हमारे समाज मे बेटा पैदा करने की चाह बनी रहेगी तब तक जनसंख्या नियंत्रण के लिए बनाई गई योजनाएं बेमानी साबित होती रहेंगी।