हमारे सामने कई बार ऐसी कह्ब्रें आती हैं जिनपर विश्वास कर पाना बहुत मुश्किल होता हैं क्योंकि उन्हें मानने के लिए मन ही राजी नहीं होता हैं। ऐसी ही एक अनोखी घटना आज हम आपको पकिस्तान की बताने जा रहे हैं जिसमें पुलिस ने एक मुर्गे को कई महीनों से हिरासत में ले रखा था। हांलाकि अब उस मुर्गे को आजादी मिल चुकी हैं। मीडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के सिंध प्रदेश के दो थानों में 5 मुर्गे पुलिस के गेस्ट बने। दरअसल, इन मुर्ग़ों को मुर्गे की लड़ाई के खेल पर छापेमारी के समय लोगों के साथ पकड़ा गया था। आपको बता दें की पाकिस्तान में मुर्गों की झगड़े को अपराध करार दिया गया है। इसके लिए एक वर्ष तक की कैद या पांच सौ रुपये का जुर्माना लग सकता है।
कुछ माह पहले मुर्गों को लगभग 2 दर्जन लोगों के साथ हिरासत में लिया गया था। सभी प्रतिवादी तो जमानत पर छूट गए। लेकिन मुर्गे मामले प्रोपर्टी की हैसियत से पुलिस के कैद में थे। दरअसल, इन मुर्ग़ों की मालिकाना हक की दावेदारी किसी ने नहीं की थी। ऐसे में जब तक कोर्ट मुर्गों पर कोई निर्णय नहीं सुनाती, तब तक उनकी खैरियत थाने की जवाबदेही थी।इस केस पर गत दिनों घोटकी के स्थानीय निवासी जफर मीरानी ने सिविल जज की कोर्ट में अपील की कि पुलिस की निरगानी में रह रहे मुर्गे को उन्हें सौंप दिया जाए। जिसके बाद कोर्ट ने पुलिस को मुर्गे को रिहा कर उसके मालिक के हवाले करने का निर्देश दिया है। अपीलकर्ता ने दलील दी किसी कार्य से वो कराची में थे, इसलिए मुर्गे के मालिक होने का दावा नहीं कर रहे थे। इसके बाद पुलिस ने मुर्गों को लॉकअप या बाड़े की जगह पर खुले स्थान पर रखा। लेकिन मुर्गों के एक पैर में रस्सी बांधकर रखा गया।