बुजुर्ग महिला की रसोई में मिली 13वीं सदी की पेंटिंग, 188 करोड़ रुपए में हुई नीलाम

फ्रांस (France) में रविवार को 13वीं सदी की एक पेंटिंग (Painting) 188 करोड़ रुपए में नीलाम हुई। यह पेंटिंग फ्रांस के उत्तरी भाग कॉम्पैनियन स्थित बुजुर्ग महिला की रसोई में टंगी मिली थी। पेरिस के उत्तर में शैन्टिली के रहने वाले एक खरीदार ने इसे खरीदा है। यह मध्ययुगीन काल से संबंध रखने वाली पेंटिंग की अब तक की सबसे महंगी बोली है। पेंटिंग में ईसा मसीह को दिखाया गया है। इटली के कलाकार चिमाबुए द्वारा तैयार की गई 26 सेंटीमीटर लंबी और 20 सेंटीमीटर चौड़ी पेंटिंग की जानकारी इस साल के शुरुआत में हुई थी। नीलामी में रखे जाने से पूर्व पेंटिंग की कीमत 31 करोड़ रुपए से लेकर 47 करोड़ रुपए तक अनुमानित की गई थी। गॉर्जियन के मुताबिक, 90 साल की महिला और उसके परिवार को पेंटिंग के बारे में कोई खास जानकारी नहीं थी। महिला को लगता था, यह कोई रूस का कोई दुर्लभ चित्र है। एक्टऑन नीलामी घर के डोमिनिक लेकोएंट ने कहा, 1500 साल पूर्व किए गए काम के लिए यह बिक्री एक तरह का विश्व रिकॉर्ड है। यह एक अद्वितीय पेंटिंग है, जो शानदार और यादगार है। यह बिक्री हमारे सभी सपनों से परे है। पेंटिंग की अधिकांश राशि महिला को जल्द ही मिल जाएगी।

कला विशेषज्ञ के मुताबिक, चिमाबुए ने इस चित्र को 1280 में बनाया था। इसे दो अन्य जगहों पर न्यूयॉर्क के फ्रिक कलेक्शन और लंदन की नेशनल गैलरी में भी प्रदर्शित किया गया था। पेरिस के टर्क्विन स्थित विशेषज्ञों के मुताबिक, पेंटिंग में अवरक्त परावर्तन तकनीक का इस्तेमाल किया गया। इसकी पुष्टि पेंटिंग में मौजूद ईसा मसीह के आठ दृश्य करते हैं। चिमाबुए को पुनर्जागरण काल का पिता कहा जाता है। उन्होंने इतालवी मास्टर गिओटो को पढ़ाया था, जो मध्ययुग में बीजान्टिन शैली के लिए लोकप्रिय थे। उन्होंने लकड़ी पर केवल 11 पेंटिंग बनाई जो चिमाबुए को समर्पित थीं।