व्यक्ति के दिन की दिनचर्या समय के अनुसार तय रहती हैं जिसमें व्यक्ति को हमेशा राह के अँधेरे को काटने वाली नई सुबह का इन्तजार रहता हैं। लेकिन जरा सोचिए कि आपक जहाँ रहते हैं वहाँ कई दिनों तक सुबह ही ना हो और आपको अँधेरे में ही जीवन यापन करना पड़े तो। जी हाँ, ऐसी ही एक अनोखी जगह के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं जो पूरे दो महीने तक अँधेरे के आगोश में रहती हैं और वहाँ सुबह नहीं होती हैं। तो आइये जानते हैं इसके पीछे की वजह के बारे में।
इस शहर का नाम है नोरिल्स्क, जो रूस के साइबेरिया में पड़ता है। इस शहर को दुनिया का सबसे ठंडा शहर माना जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ठंड के दिनों में यहां का न्यूनतम तापमान -61 डिग्री सेल्सियस तक चला जाता है, जबकि यहां का औसत तापमान भी माइनस 10 डिग्री सेल्सियस रहता है।
नोरिल्स्क में पड़ने वाली जबरदस्त ठंड का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि यहां साल के 9 महीने तक बर्फ ही जमी रहती है। कहा जाता है कि यहां हर तीसरे दिन लोगों को बर्फीले तूफान का सामना करना पड़ता है। यहां रहने वाले लोग तो दो महीने तक (दिसंबर से जनवरी) सूर्योदय ही नहीं देख पाते हैं, क्योंकि ठंड की वजह से यहां लगातार बर्फ ही गिर रही होती है और सूर्य न निकलने के कारण इन दो महीनों तक यहां अंधेरा ही छाया रहता है।
यह शहर रूस की राजधानी मॉस्को से करीब 2900 किलोमीटर की दूरी पर बसा है। हैरानी की बात तो ये है कि इस शहर में पहुंचने के लिए कोई सड़क ही नहीं है। यहां आने के लिए लोग विमानों या नौकाओं का सहारा लेते हैं। हालांकि यहां लोगों की जरूरत की सारी सुविधाएं उपलब्ध हैं, जैसे कि सिनेमाघर, कैफे, चर्च, बार आदि।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नोरिल्स्क को रूस का सबसे अमीर शहर कहा जाता है, क्योंकि यहां दुनिया का सबसे बड़ा प्लैटिनम, पैलेडियम और निकल धातु का भंडार है। हालांकि इस शहर को दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में से भी एक माना जाता है, क्योंकि यहां बड़े पैमाने पर माइनिंग और रिफाइनिंग का काम होता है, जिससे भारी मात्रा में सल्फर डाइऑक्साइड निकलता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, यहां की हवा में सल्फर डाइऑक्साइड की मात्रा इतनी ज्यादा है कि यहां करीब 30 किलोमीटर के दायरे की वनस्पति ही खत्म हो गई है। यहां लोगों को बेरी या मशरूम तोड़ने की मनाही है।