आज नवरात्रि का अंतिम दिन हैं और सभी ओर इसकी रौनक देखी जा सकती हैं। आज के दिन सभी लोग मातारानी के मंदिरों के दर्शन करने पहुँचते हैं। हमारे देश में मातारानी के कई मंदिर स्थित हैं, लेकिन उनमें से कई ऐसे हैं जो अपनी विशेषता के लिए जाने जाते हैं। आज हम आपको ऐसे ही एक मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहाँ नूडल्स और मोमोज जैसे चाइनीज फ़ूड का प्रसाद चढ़ता हैं। तो आइये जानते है इस मंदिर के बारे में।
हम बात कर रहे है कोलकाता में स्थित चीनी काली मंदिर के बारे में। इस मंदिर का निर्माण चीन के लोगों ने करवाया था। वैसे तो हिंदू धर्म में काली माता को क्रोध का प्रतीक माना जाता है लेकिन कोलकाता में स्थित काली मंदिर उदारता का प्रतीक है। यह मंदिर कोलकाता से करीब 12 किमी। दूर टांग्रा शहर में स्थित है। यहां अधिकतर चीनी लोग रहते हैं। यह मंदिर इसलिए भी अद्भुत है क्यूंकि यहां देवी को चाइनीज वस्तुओं का भोग लगता है। यहां आने वाले लोगों को प्रसाद में नूडल्स, मोमोज, चावल आदि चाइनीज फ़ूड दिया जाता है।
एक कथा के अनुसार करीब 60 वर्ष पूर्व यहां काली माता का कोई मंदिर नहीं था। यहां एक वृक्ष के नीचे कुछ काले पत्थर रखे हुए थे, जिन्हें लोग देवी का प्रतीक मानकर पूजते थे। एक दिन चीनी लड़का बीमार हो गया। बहुत प्रयास करने के बाद भी उसका स्वास्थ्य ठीक नहीं हुआ।
किसी को भी उसकी बीमारी के कारण समझ नहीं आ पा रहे थे। उसके बाद लड़के का परिवार पेड़ के नीचे स्थित माता की पूजा करने लगे। यहां लगातार पूजा करने से लड़का ठीक हो गया। जिसके बाद सभी चीनी लोगों को देवी की शक्तियों पर विश्वास हो गया। कुछ समय के बाद कुछ चीनी लोगों ने वहां पर मंदिर का निर्माण करवाया। जिसे चाइनीज काली मंदिर के नाम से जाना जाता है।
यहां अधिकतर भक्त चीनी हैं। कहा जाता है कि इस देवी मंदिर में सभी हिंदू रीति रिवाजों का पालन किया जाता है। मंदिर में प्रतिदिन सुबह बड़े धूमधाम से पूजा की जाती है। प्रतिदिन सुबह मां काली को ताजे फूल, मिठाई और प्रसाद अर्पित किया जाता है। मंदिर के पंडित बंगाली ब्राह्मण होते हैं।