अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (NASA) ने भविष्य में मंगल और चांद पर सब्जियां उगाने की तैयारियां शुरू कर दी है। इसके लिए नासा ने मंगल ग्रह और चांद जैसी मिट्टी तैयार की है। ओपन एग्रीकल्चर जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, इस मिटटी में बोई गई दस फसलों में से नौ अच्छी तरह से विकसित हुईं। खाए जाने वाले हिस्से की कटाई भी की गई। इनमें पालक अपवाद था, जिसका विकास नहीं हुआ। मूली, राई से बीजों का भी उत्पादन किया गया। इनका सफलतापूर्वक अंकुरण भी किया गया। शोधकर्ताओं ने कहा कि अगर मनुष्य चंद्रमा या मंगल पर बसने जा रहे हैं तो उन्हें अपनी फसल उगानी होगी। वैगनिंगेन विश्वविद्यालय के वैगर वामेलिंक ने कहा- पहली बार टमाटर को मंगल ग्रह जैसी मिट्टी पर लाल रंग में उगते हुए देख कर हम रोमांचित थे। इसका मतलब है कि हम एक अलग कृषि पारिस्थितिकी तंत्र की ओर कदम बढ़ा रहे हैं।
नीदरलैंड में वैगनिंगेन यूनिवर्सिटी और रिसर्च के शोधकर्ताओं का यह भी सुझाव है कि मंगल और चंद्रमा पर उगाई जाने वाली फसलों से बीज प्राप्त करना भी संभव है। वैज्ञानिकों ने टमाटर, मूली, राई, क्विनोआ, पालक, चिव्स (प्याज की पत्ती) और मटर समेत दस फसलें बोई थीं।
फसलों के विकास के लिए चंद्रमा और मंगल के रेगोलिथ एकमात्र विकल्प हैं। रेगोलिथ एक ऐसी परत है, जो ठोस चट्टान को कवर करती है। वैज्ञानिकों ने कहा- रेगोलिथ पौधों के लिए उपलब्ध नहीं हैं, इसलिए नासा ने इससे मिलती जुलती मिट्टी विकसित की।