आंधी-तूफान से भी नहीं हिलता ढ़लान पर अटका यह सुनहरा पत्थर, महिलाओं के पास जाने पर मनाही

आप सभी तमिलनाडु के महाबलिपुरम शहर में ढ़लान पर स्थित उस विशाल पत्थर के बारे में तो जानते ही हैं जो अपनाप में रोचक हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा ही एक 25 फीट ऊंचा पत्थर म्यांमार में भी स्थित है। इसकी खासियत भी यही हैं कि आंधी-तूफान तक इस पत्थर को नहीं हिला सकें हैं और सदियों से चमत्कारिक रूप से यह एक दूसरे पत्थर के ढाल पर अटका हुआ है। हम बात कर रहे हैं म्यांमार के बौद्धों का प्रमुख तीर्थ स्थल 'क्यैकटियो पगोडा' की। इस पत्थर को 'गोल्डन रॉक' के नाम से भी जाना जाता हैं। दरअसल, लोगों ने इसपर सोने की पत्तियां चिपकाकर इसे सोने जैसा ही बना दिया है। इसी वजह से इसका नाम 'गोल्डन रॉक' पड़ा।

इस पत्थर को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं कि आखिर कैसे यह एक चट्टान के किनारे से चिपका हुआ है। माना जाता है कि इस पत्थर के पास जो भी साल में तीन बार जाता है, उसकी गरीबी और सारे दुख दूर हो जाते हैं। यह भी मान्यता है कि यहां जो भी मन्नत मांगी जाती है, वो पूरी जरूर होती है। माना जाता है कि यह भारी-भरकम पत्थर भगवान बुद्ध के बालों पर टिका हुआ है और इसी वजह से यह अपने स्थान से कभी हिलता नहीं है। वैसे तो इसके बारे में कोई नहीं जानता कि यह पत्थर कब से यहां ऐसे ही टिका हुआ है।

लेकिन माना जाता है कि 'क्यैकटियो पगोडा' का निर्माण 581 ईसा पूर्व में हुआ था। हालांकि कुछ लोग यह भी मानते हैं कि 11वीं सदी में एक बौद्ध भिक्षु ने भगवान बुद्ध के बालों के सहारे इस पत्थर को ऐसे ढलान पर टिका कर रख दिया था। मान्यता है कि कोई महिला ही इस पत्थर को यहां से हिला सकती है या स्थानांतरित कर सकती है। इस वजह से महिलाओं को इस सुनहरे पत्थर को छूने की अनुमति नहीं है, वो सिर्फ दूर से ही इसे देख सकती हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए कि पत्थर के पास कोई महिला न आए, तीर्थ स्थल के अंदर आने वाले गेट पर हर वक्त सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं और नजर बनाए रखते हैं।