देश-दुनिया में कई ऐसी जगह हैं जो रहस्यों से भरी हैं और अपनी रोचकता के चलते आकर्षण की वजह बनती हैं। भारत की ऐसी ही एक गुफा हैं जिसकी खोज साल 2016 में हुई थी और अपने रहस्यों के चलते सभी को अपनी ओर खींचती हैं। हम बात कर रहे हैं मेघालय में स्थित क्रेम पुरी गुफा के बारे में जिसे बलुआ पत्थरों की दुनिया की सबसे लंबी गुफा कहा जाता है। इस गुफा में एक बार अनदार जाना किसी भूलभुलैया से कम नहीं हैं जिससे आपका बाहर निकलना मुश्किल हो जाएगा।
24.5 किलोमीटर लंबी यह गुफा इस धरती पर सर्वाधिक बारिश के लिए मशहूर मासिनराम की हरी-भरी वादियों में 13 वर्ग किलोमीटर में फैली है। इस गुफा की खोज करीब 30 वैज्ञानिकों की एक टीम ने किया था, जिसमें भूविज्ञानी, जलविज्ञानी, जीवविज्ञानी और पुरात्तवविद शामिल थे।
बीबीसी के मुताबिक, इस गुफा के अंदर आपस में जुड़े सैकड़ों छोटे लंबे गलियारों का पेचीदा चक्रव्यूह है। इसकी आकृति बिल्कुल अलग है, जो इसे वास्तव में एक भूलभुलैया बनाती है। यहां प्रचुर मात्रा में जीव, मेंढक, मछली, विशाल हंटर मकड़ियां और चमगादड़ भी हैं।
वैज्ञानिकों को इस गुफा से शार्क के दांत और समुद्री डायनासोर की कुछ हड्डियां भी मिली थीं, जो करीब छह करोड़ साल पहले समुद्र में पाए जाते थे। इस गुफा में तापमान हमेशा 16-17 डिग्री के बीच बना रहता है, चाहे बाहर का तापमान कुछ भी हो। यहां ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है, क्योंकि छोटी दरारों और दो प्रवेशद्वारों से होकर हमेशा अंदर हवा आती रहती है।