11 लोगों ने मिलकर उड़ाई छह किलो की 56 फीट बड़ी पतंग, मांझे की जगह इस्तेमाल की प्लास्टिक की रस्सी

बीते दिन मकर संक्रांति का पर्व मनाया गया जहां पूरे दिन आसमान में कई तरह की पतंगे छाई रही। इस बीच राजस्थान के मेड़ता ने अनोखी पतंग देखने को मिली जिसे 11 लोगों ने मिलकर उड़ाया और इसे उड़ाने के लिए मांझे की जगह प्लास्टिक की रस्सी का इस्तेमाल किया गया। हम जिस पतंग की बात कर रहे हैं वह 56 फीट बड़ी और छह किलो वजनी थी। इसे नागौर स्थित मेड़ता के राजू जोशी ने बनाई है। इसे बनाने में राजू को 10 दोस्तों की मदद लेनी पड़ी। राजू जोशी काे बचपन से पतंगबाजी का शौक है। 3 साल पहले भी राजू ने 13 फीट लंबी और 13 फीट चौड़ी पतंग बनाई थी। यह पतंग बनाने के बाद राजू ने अब 24 फीट की पतंग बनाकर उड़ाई है।

शुक्रवार को मेड़ता के भादवासी गांव में नागौर जिले की सबसे बड़ी पतंग उड़ाई गई। यह पतंग करीब आधा घंटे तक उड़ती रही। मेड़ता-डेगाना क्षेत्र के भादवासी गांव में इसकी चर्चा है। यह पतंग 3 मंजिला इमारत के बराबर है। राजू व उसके दोस्तों ने पतंग को उड़ाने के लिए धागे की जगह प्लास्टिक की रस्सी का इस्तेमाल किया। पतंग उड़ाते समय हाथ न कटे, इसलिए ग्लब्ज भी पहने। राजू ने यह पतंग करीब एक सप्ताह पहले ही तैयार कर ली थी। 6 किलो 300 ग्राम वजनी इस पतंग को उड़ाने के लए राजू को अशोक जोशी, दिनेश, पंकज, आनंद सहित अपने 10 दोस्तों की मदद लेनी पड़ी। हवा का रुख सही होने से यह पतंग करीब 300 फीट की ऊंचाई पर आधा घंटे तक उड़ती रही। राजू ने जब पतंग उड़ाई तो इसे देखने के लिए पूरा गांव उमड़ पड़ा।

इस पतंग की लंबाई 24 फीट और चौड़ाई 24 फीट है। पूंछ सहित पतंग की कुल लंबाई 56 फीट है। इसे संक्रांति पर उड़ाने के लिए दो-दिन से रिहर्सल की जा रही थी। राजू ने इस पतंग को बनाने में 3 किलो 600 ग्राम बांस और 2 किलो 300 ग्राम पॉलिथीन का उपयोग किया। पतंग को उड़ाने के लिए 650 ग्राम रस्सी का उपयोग किया गया। इस पतंग के निर्माण में 1300 रुपए खर्च हुए।