यहां अवैध कब्जा हटाने के लिए भगवान शिव को ही दे दिया गया नोटिस!

अवैध निर्माण को रोकने के लिए सरकारी विभाग लगातार कार्यरत रहते हैं और कई बार इसके लिए कई धार्मिक स्थलों के ट्रस्ट या मंडल को भी नोटिस दिया जाता हैं। लेकिन इस बीच एक हैरान कारने वाला मामला सामने आया छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा से जहां जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने कारनामा करते हुए एक मंदिर को लेकर भगवान शिव के नाम ही नोटिस जारी कर दिया। मामला मीडिया में उजागर होने के बाद जल संसाधन विभाग के अधिकारी अपनी गलती स्वीकार करते हुए नोटिस वापस लेकर उसमें बदलाव करने कि दलील दे रहे हैं। फिलहाल जिले में शिव मंदिर के नाम नोटिस का विषय गरमाया हुआ है और जिला मुख्यालय में चर्चा का विषय बना हुआ है।

जल संसाधन विभाग द्वारा नहर किनारे के शासकीय भूमि पर बेजा कब्जाधारी लोगों को नोटिस थमाया जा रहा है। इसी संबंध में जल संसाधन विभाग के एसडीओ द्वारा 46 लोगों को नोटिस जारी किया गया था, जिसमें जांजगीर के वार्ड नंबर 8 के नहर किनारे स्थित शिव मंदिर का नाम भी है। जल संसाधन विभाग के एसडीओ द्वारा एक नोटिसजारी कर कब्जा हटाने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है। इस नोटिस को लेकर अब जल संसाधन विभाग के अधिकारी इन दिनों खूब चर्चा हो रही है।

मंदिर के पुजारी संतोष कुमार तिवारी का कहना है कि शिव मंदिर जांजगीर के वार्ड नंबर आठ में नहर के किनारे साल 2001 में बना है। पिछले साल से मंदिर में पुजारी हुं। इस मंदिर पर लोगों की काफी आस्था है। आए दिन मंदिर में लोगों की भीड़ रहती है। बड़ी दुख की बात है कि अधिकारियों ने शिव मंदिर को नोटिस दिया है। विभाग ने सात में मंदिर खाली करने की बात भी कही है। ऐसा नहीं होना चाहिए। किसी मंदिर को तोड़ना अच्छी बात नहीं है। नोटिस भगवान शिव और मंदिर के नाम से जारी किया गया है। अब ऐसे में देखना होगा कि जल संसाधन विभाग के अधिकारी बेजा कब्जा हटाने में कितनी मुस्तैदी दिखाते हैं।