लॉकडाउन की उड़ी धज्जियाँ, पेड़ में दिखे त्रिशूल-डमरू तो जुट गई भीड़

पूरे देश में 21 दिनों का लॉकडाउन है ऐसे में लोगों की घरों से बाहर निकलने की मनाई है लेकिन इसके बावजूद पूरे देश से कई ऐसी तस्वीरें सामने आ रही है जहां इस लॉकडाउन का पालन नहीं किया जा रहा। हाल ही में ताजा मामला झारखंड के रामगढ़ से सामने आया है यहां सैकड़ों की संख्या में महिला व पुरुष अपनी जान की परवाह किए बगैर इस लॉकडाउन को दरकिनार कर पूजा-पाठ करने में जुट गए। इस भीड़ को हटाने में पुलिस को पसीने आ गए।

दरअसल, रामगढ़ जिले के कुजू क्षेत्र में सोमवार शाम एक मुनगा (सहजन) पेड़ के तने में त्रिशूल और डमरू का चित्र देखा गया। इसके बाद यह खबर पूरे इलाके में आग की तरह फैल गई। ऐसे में आस्था का ऐसा सैलाब उठा कि लोग लॉकडाउन को भूल गए और सोशल डिस्टेंसिंग की पालन न करते हुए दूर-दूर से ग्रामीणों की भीड़ वहां जुटने लगी। ग्रामीण वहां पूजा की सामग्री लेकर पहुंचने लगे। यही नहीं, वहां ग्रामीण पूजा-पाठ भी करने लगे। इन सबके बीच वहां एक महिला भक्त झूमने लगी और अपनी धूनी रमाने लगी। कुछ ही लोग मास्क में नजर आए। एक ग्रामीण महिला सावित्री देवी ने कहा कि पेड़ में त्रिशूल और डमरू है। यहां आज कुजू इलाके में शंकर जी विराज गए हैं। हम यहां रात में दिए जला रहे हैं।

वहीं, कुजू पुलिस के सब इंस्पेक्टर सामन्त दास विवश होते हुए बोले कि यहां लोगों की भीड़ लग गई है। ऐसा प्रतीत होता है मुनगा के जिस पेड़ में त्रिशूल की आकृति बनी हुई है, वहां महिलाएं एकजुट होकर पूजा-पाठ कर रही हैं। उन्हें हटाने का प्रयास कर रहे हैं। कुछ देर के बाद यह भीड़ फिर से जुट जाती है।

ऐसे में जहां एक तरफ पूरा देश इस वैश्विक महामारी से लड़ने के लिए एक जुट होकर अपने-अपने घरों में कैद है वहीं दूसरी तरफ इस तरह की भीड़ से उनकी पूरी मेहनत पर पानी फिर सकता है। ग्रामीणों की इस कदर भीड़ जुटने में प्रशासन की एक बड़ी लापरवाही नजर आती है। वहीं, ग्रामीणों की मानें तो इस संकट की घड़ी में भगवान भोलेनाथ स्वयं प्रकट हुए हैं।