जरा संभलकर करें गुदगुदी, आपको मिल सकती इसके लिए सजा

आपने अक्सर देखा होगा कि लोग हंसी मजाक करते समय गुदगुदी का सहारा लेते हैं और हंसाने की कोशिश करते हैं। गुदगुदी को मस्ती करने के लिए जाना जाता हैं। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि गुदगुदी शारीरिक प्रताड़ना का भी है एक रूप है और आपको इसके लिए सजा भी मिल सकती हैं। तो चलिए जानते है इसके बारे में।

गुदगुदी प्रताड़ना को टिकलिंग टॉर्चर कहा जाता है। गुदगुदी करने के पीछे लोगों की मंशा किसी के साथ दुर्व्यवहार, हावी होने का प्रयास, अपमान करने की इच्छा या फिर शरारत करना भी होता है। गुदगुदी करने के पीछे सहमति और असहमति भी होती है। सहमति से की जाने वाली गुदगुदी में कुछ रोमांटिक या अन्य तरह का प्यार गुदगुदी करने की इच्छा पैदा करता है।

चायनीज टिकल टार्चर प्राचीन चाइना में प्रताड़ित करने का एक तरीका था। खासतौर पर हेन राजतंत्र के राजाओं के दरबार में। चायनीज टिकल टार्चर समाज में खास ओहदा रखने वाले लोगों को दी जाने वाली एक प्रकार की सजा थी, क्योंकि इससे पीड़ित को कष्ट बहुत कम देर तक होता था।

टिकल टार्चर का एक अन्य उदाहरण प्राचीन रोम में मिलता है जिसमें किसी इंसान के पैरों को नमक के पानी में डुबाकर उन्हें एक बकरी के द्वारा साफ कराया जाता था, जो शुरुआत में गुदगुदी का एहसास देता था लेकिन बाद में बहुत दर्दनाक हो जाता था।