वर्तमान समय में मेडिकल साइंस खूब तरक्की कर चूका हैं। जिसके चलते कई बिमारियों का इलाज मिनटों में कर दिया जाता हैं तो कई बेइलाज बिमारियों का इलाज संभव हूँ पाया हैं। लेकिन आज भी मेडिकल साइंस के सामने कुछ ऐसी परिस्थितियाँ आ जाती हैं, जिसका हल निकाल पाना अभी तक संभव नहीं हो पाया हैं। ऐसी ही एक विकट समस्या हैं उत्तर प्रदेश में कानपुर शहर के बड़े सरकारी अस्पताल हैलट में भर्ती फतेहपुर खागा के सेमरहा गांव की अनुसुइया की। अब यह समस्या क्या है जिसने डॉक्टर्स को परेशानी में डाला है। तो आइये जनते हैं इसके बारे में।
फतेहपुर खागा के सेमरहा गांव की अनुसुइया के पैर से पांच साल से बिना नोक की दो से ढाई इंच लंबी लोहे की कीलें निकल रही हैं। पांच साल से इनकी चुभन से युवती परेशान है। पहले तो कभी-कभार ही ऐसा हो रहा था। इधर, सप्ताह में एक या दो बार यह वाक्या हो रहा है। डॉक्टर भी नहीं समझ पा रहे हैं कि आखिर माजरा क्या है।
अविवाहित अनुसुइया (33) के पिता कील निकलने वाली घटना के कुछ दिन बाद से साधु वेश धारण कर घर छोड़कर जा चुके हैं। मां बचपन में ही गुजर गई थी। अनुसइया इकलौते भाई अवधेश और भाभी प्रेमकली के साथ रहती है। सबसे पहले पांच मई 2012 को घुटने के नीचे बायां पैर पका, फिर लोहे की एक कील असहनीय दर्द के साथ बाहर निकली।अब तो ऐसा अक्सर होता है।
अनुसुइया को सदर अस्पताल आई तो डाक्टरों ने कानपुर हैलट रेफर किया। सदर अस्पताल के फिजीशियन डॉ। केके पांडेय ने कहा कि लोहे से टिटनेस होता है। अगर युवती के शरीर से पांच साल से लोहे की कीलें निकल रहीं हैं, तो यह घटना किसी अजूबे से कम नहीं। उधर, हैलट के सर्जरी विभाग के हेड डॉ। संजय काला का कहना है कि जांच की जा रही है। एक्सरे में पैरों के अंदर तमाम कीलें दिख रही हैं।
कानपुर के लाला लाजपतराय चिकित्सालय (हैलट) में अनुसुइया का इलाज चल रहा है। अनुसुइया की बीमारी सुनकर डॉक्टर चकित रह गए। महिला के पैरों में इतनी कीलें कहां से आ रहीं हैं, इसका जवाब परिजन भी नहीं बता पा रहे।