आपने कई किस्से सुने होंगे जहां लोग किसी से हुई गलती का हर्जाना मांगते हुए नजर आते है। आज हम भी आपको एक ऐसी ही घटना के बारे में बताने जा रहे हैं जहां एक कोम्पनु द्वारा हर्जाने के टायर परर एक परिवार को 331 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाना हैं। यह मामला देखने को मिला कैलिफोर्निया में जहां मई 2017 में जोसेफ डडेक नाम के दो साल के बच्चे के ऊपर कपड़े की अलमारी गिरने से उसकी मौत हो गई थी। यहां अब अलमारी बनाने वाली कंपनी उसके परिवार को 331 करोड़ रुपये का मुआवजा देगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिस अलमारी से दबकर बच्चे की मौत हुई थी, वह दुनिया की बड़ी फर्नीचर रिटेलर कंपनी आइकिया की है। बताया जा रहा है कि अमेरिका के इतिहास में गलत तरीके से हुई बच्चे की मौत के मामले में यह अब तक का सबसे बड़ा समझौता है, जिसमें कंपनी 331 करोड़ चुकाएगी। बच्चे के माता-पिता का नाम जोलिन और क्रेग डडेक है। उनका कहना है, 'हमने कभी नहीं सोचा था कि महज 30 इंच के ड्रेसर के गिरने से हमारे दो साल के बच्चे का दम घुट जाएगा। बाद में हमें पता चला कि अलमारी डिजाइन से ही अस्थिर थी और सुरक्षा मानकों को पूरा नहीं करती थी। ऐसा हादसा कई और बच्चों के साथ भी हो चुका था।'
साल 2016 में भी आइकिया ने तीन परिवारों को 360 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया था। इन परिवारों के बच्चों के ऊपर भी इसी स्वीडिश कंपनी की अलमारी गिर गई थी, जिससे दबकर उनकी मौत हो गई थी। जोलिन और क्रेग डडेक का कहना है कि वो यह केस इसलिए लड़ रहे थे, ताकि दुनियाभर के लोगों को इस घटना के बारे में पता चले और वो सतर्क हो जाएं और ऐसी घटना किसी अन्य परिवार के साथ न हो।
हालांकि इन घटनाओं के बाद सुरक्षा के लिहाज से कंपनी ने 32 किलो वजनी ऐसी लाखों अलमारियों को रिकॉल किया था। यह कंपनी के इतिहास में किसी उत्पाद को वापस मंगाने का सबसे बड़ा मामला था। आपको बता दें कि आइकिया कंपनी की स्थापना साल 1943 में फिडोर इंगवार कैम्प्रेड ने की थी। उस समय उनकी उम्र महज 17 साल थी। पिछले साल इस कंपनी की आय 3।25 लाख करोड़ रुपये थी।