अपने मुवक्किल को जमानत दिलाने के लिए वकील दूल्हे ने बीच में ही शादी रोक की पैरवी

हर वकील की कोशिश होती हैं कि उसके मुवक्किल को न्याय मिले और हर पैरवी का फैसला उसके मुवक्किल के हक़ में आए। लइसके लिए वकील हर संभव प्रयास करते हैं। लेकिन चंडीगढ़ में एक ऐसा मामला सामने आया जिसमें खुद जज भी भी वकील की तारीफ़ करने लगे। दरअसल, यहां अपने मुवक्किल को जमानत दिलाने के लिए वकील ने अपनी शादी ही बीच में रोल पैरवी करने पहुंच गए। इस पुरी घटना का जानकारी उस समय हुई, जब पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के जस्टिस अरुण मोंगा की कोर्ट में एक आपराधिक मामला पेश हुआ।

इस मामले के आरोपी अंग्रेज सिंह ने वकील लुपिल गुप्ता को अपना केस लड़ने के लिए नियुक्त किया था। 27 अक्तूबर की रात लुपिल की शादी थी। विवाह समारोह के दौरान ही लुपिल को यह जानकारी मिली कि अगले दिन उनके मुवक्किल का केस हाईकोर्ट में लगा है। अगर लुपिल चाहते तो अपनी जगह अन्य वकील को भेजकर सुनवाई टालने का अनुरोध कोर्ट से कर सकते थे। लेकिन उन्होंने शादी के रस्मों को रोक कर खुद पैरवी के लिए पहुंच गए।

बता दें कि इसके लिए लुपिल ने दुल्हन के परिवार से निवेदन किया कि उन्हें केस की पैरवी के लिए कोर्ट जाना है। इसलिए विदाई कुछ समय के लिए रोक दी जाए। ससुराल वालों ने भी लुपिल की बात मान ली। कोर्ट में लंबे इंतजार के बाद अंग्रेज सिंह बनाम पंजाब सरकार का केस आया। पंजाब सरकार की तरफ से एएजी पीएस वालिया ने मामले में जवाब दायर करने के लिए सुनवाई टालने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि वे व्यस्त हैं। ऐसे में जवाब दायर करने के लिए उन्हें समय चाहिए।

लुपिल ने पीएस वालिया की बातों पर आपत्ति जताते हुए कहा कि 'केस दर्ज हुए एक साल 5 महीने बीत चुके हैं। पुलिस ने अब तक चालान भी पेश नहीं किया है। ऐसे में देरी के आधार पर आरोपी को अग्रिम जमानत दी जानी चाहिए। जहां तक व्यस्तता की बात है, मुझसे ज्यादा आप व्यस्त नहीं होंगे। कल रात मेरी शादी हुई है। मैं पत्नी की डोली रोककर आया हूं और यहां सुबह से अपने केस की बारी का इंतजार कर रहा हूं। अब मामले की सुनवाई शुरू हुई है, तो आप इसे टालना चाहते हैं।'

हाईकोर्ट ने लुपिल के दलील सुनने के बाद देरी के आधार पर आरोपी को अग्रिम जमानत दे दी। इसके अलावा जस्टिस मोंगा ने वकील लुपिल गुप्ता को नए वैवाहिक जीवन की शुभकामनाएं दीं। इतना ही नहीं जज साहब ने लुपिल के जज्बे को सराहा भी।