डॉक्टर दादी के सामने उम्र के आंकड़े पड़े छोटे, चाहती है मरीजों को देखते हुए आए मौत

कहते हैं इंसान का स्वास्थ्य उसकी मानसिकता से जुड़ा होता हैं और यह कई बार देखने को भी मिलता हैं जब एक अच्छी उम्र के पड़ाव पर भी बुजुर्ग लोगों में जीने की चाह होती है। इंसान के अंदर कुछ करने का जुनून हो, जज्बा हो तो उम्र मायने नहीं रखती। इंसान उम्र को किनारे करके अपना काम करते रहता है। आज हम आपको एक ऐसी ही 92 साल की डॉक्टर दादी के बारे में बताने जा रहे हैं जो अभी भी मरीजों की सेवा में लगी हुई हैं और चाहती हैं कि उनकी मौत मरीजों को देखते हुए ही आए। तो आइये जानते है डॉक्टर दादी के बारे में।

चीन की रहने वाली एक 92 वर्षीय महिला भी कुछ ऐसा ही कर रही हैं। वह पेशे से एक डॉक्टर हैं और वह 25 साल पहले यानी साल 1994 में ही सेवानिवृत हो गई थीं, लेकिन वह अभी भी चीन के जियांगसु प्रांत के नानजिंग शहर के सिटी हॉस्पिटल में लोगों का इलाज कर रही हैं। इनका नाम है डॉ. आओ झोंगफैंग। हालांकि इन्हें 'डॉक्टर दादी' कहा जाए तो कोई बुराई नहीं है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डॉक्टर दादी जब सेवानिवृत हुई थीं, तभी उन्होंने यह फैसला कर लिया था कि वह हमेशा जरूरतमंदों की मदद करेंगी। इसलिए वह सेवानिवृत होने के अगले ही दिन फिर से अस्पताल लौट गईं और लोगों का इलाज करने लगीं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डॉक्टर दादी एक हफ्ते में करीब 600 मरीजों को देखती हैं। वह एक फिजिशियन और ब्लड डिसीज स्पेशलिस्ट (रक्त रोग विशेषज्ञ) हैं। उनके पति और बेटा भी पेशे से डॉक्टर ही हैं। डॉक्टर दादी के बेटे जेंग शिलॉन्ग भी उसी अस्पताल में कार्यरत हैं। वह बताते हैं कि उनके माता-पिता अभी भी अपना अधिकतर समय मरीजों की देखभाल करने में बिताते हैं। वह अपने माता-पिता को अपना प्रेरणास्रोत मानते हैं और कहते हैं कि उन्हें देखकर ही वह मेडिकल के क्षेत्र में आए हैं।

1928 में जन्मीं डॉक्टर आओ कहती हैं कि उन्हें उनके काम में मजा आता है और वो इस काम को करके खुश रहती हैं। वह आगे भी अपना काम करती रहेंगी। डॉक्टर दादी का कहना है कि वह अपने उम्र के बारे में नहीं सोचतीं, क्योंकि उन्हें अपने पेशे से प्यार है। वह चाहती हैं कि अगर उनकी मौत हो तो वह मरीजों को देखते हुए ही हो।