'यहां 26 लाख में मिल रहा है एक टॉयलेट रोल, 8-10 गाजर के लिए देने पड़ते है 30 लाख'

दक्षिणी अमरीका महाद्वीप में स्थित देश वेनेज़ुएला Venezuela में कई सालों से मंदी का दौर चल रहा है। यह देश महंगाई से नहीं महामहंगाई से जूझ रहा है। आर्थिक संकट के चलते वहां इस कदर महंगाई है कि लोग खाने का सामान खरीदने के लिए जूझ रहे हैं। यहां महंगाई दर 10 लाख फीसदी तक पहुंचने का अनुमान है। वेनेज़ुएला में पिछले कुछ दिनों में सामान की कीमतों में दोगुनी वृद्धि हुई। जिसके चलते बड़े नोटों की डिमांड बढ़ी है। वहां के बैंकों ने ग्राहकों पर अकाउंट से पैसे निकालने की सीमा तय कर दी। वहां की सरकार ने इस महामहंगाई को काबू में करने के लिए जो योजना बनाई है उसे लेकर कन्फ़्यूजन और बढ़ा है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह योजना काम करेगी?

बता दे , राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने साल 2016 में नोटबंदी की थी। अब वहां मुद्रा बोलिवार का नाम बदलकर 'सॉवरेन बोलिवार' कर दिया गया है। सरकार ने वहां एक सितंबर से न्यूनतम पारिश्रमिक में 34 गुना की वृद्धि करने का ऐलान भी किया है। यहां के लोग धीरे-धीरे आसपास के देशों में पलायन कर रहे हैं। एक नज़र वहां के सामान की कीमतों पर।

टॉयलेट रोल के लिए लोगों को 26 लाख बोलिवार चुकाने पड़ रहे हैं।

8-10 गाजर मार्केट में 30 लाख बोलिवर में मिल रही हैं।

चावल के एक पैकेट की कीमत 25 लाख बोलिवर है।

वेनेजुएला में एक सैनेटरी पैड के पैकेट के लिए 35 लाख बोलिवार चुकाने पड़ रहे हैं।

एक किलो पनीर के लिए 75 लाख रुपये देने पड़ रहे हैं।

वेनेजुएला की राजधानी कराकस के एक कैफे में पिछले महीने एक कॉफी प्याली की कीमत 25 लाख बोलिवर थी।

1.2 किलो चिकन की कीमत 73 लाख, यानी 1 किलो की कीमत लगभग 48 बोलीवर लाख है। कह सकते हैं चिकन खरीदना हो तो पैसा बोरियों में भरकर ले जाना होगा।

वहां के लोगों को एक किलो टमाटर खरीदने के लिए 50 लाख बोलीवर चुकाने पड़ रहे हैं।