अब फ़ास्ट फूड पैकेट्स पर लिखना होगा खाने के बाद कितना दौड़े, जानें पूरा मामला

आपने यह तो देखा ही होगा कि फ़ूड पैकेट्स पर कई तरह की जानकारी दी हुई होती हैं और उसमें यह भी बताया जाता हैं कि इसमें किन पदार्थों का इस्तेमाल किया गया है। लेकिन ब्रिटेन में अब फूड पैकेट्स पर यह भी लिखना होगा कि पिज्जा खाया तो 4 घंटे पैदल चलें, चॉकलेट खाई है तो 22 मिनट दौड़ें ताकि गलत खानपान की आदत से लोगों को बचाया जा सकें। दरअसल, ब्रिटेन में दो तिहाई से ज्यादा लोग मोटापे से जुड़ी बीमारी से परेशान हैं। ब्रिटेन में मोटापा कम करने के लिए लोबौरो यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने सरकार काे एक प्रस्ताव दिया है। इसमें कहा गया है कि खाने-पीने की चीजाें के पैकेट पर कैलाेरी चार्ट लगाया जाए। इसमें यह भी बताना चाहिए कि इसे खाने के बाद पचाने के लिए कितनी कसरत की जरूरत हाेगी।

14 अलग-अलग फूड स्टडी के नतीजे पर दिए गए प्रस्ताव में कहा गया है कि फूड पैकेट पर बताना चाहिए कि अगर यह पिज्जा खाया है, तो 4 घंटे तक पैदल चलें या चॉकलेट बार खाई है, तो आपको 22 मिनट तक दौड़ना होगा। फूड पैकेट पर लेबल लगाने का फायदा यह होगा कि लोग सही खाने की आदत से जुड़ेंगे और सेहतमंद रहेंगे। शोधकर्ताओं का कहना है कि इस प्रकार की लेबलिंग से हर शख्स की रोजाना कैलोरी खपत में औसत 200 कैलोरी को कम किया जा सकता है। ब्रिटेन में दो तिहाई से ज्यादा लोग इन दिनों मोटापे से जुड़ी बीमारी से त्रस्त हैं। यहां तक कि बच्चों में भी अन्य यूरोपीय देशों की अपेक्षा मोटापा बढ़ा है।

यूनिवर्सिटी की प्रमुख शोधकर्ता अमांडा डेली का कहना है फूड पैकेट्स पर इस तरह के लेबल लगाने से लोगों को यह समझने में काफी आसानी होगी कि वे कितनी कैलाेरी वाली चीजें खा रहे हैं। इससे उन्हें और बेहतर विकल्प तलाशने का मौका मिलेगा। आमतौर पर घर पर बनी चीजों में कम कैलोरी होती है, पर अगर आप बाहर से चॉकलेट मफिन खरीदते हैं तो इसमें 500 कैलोरी होती है। इसे पचाने के लिए कम से कम 50 मिनट तक दौड़ना ही होगा। हम लेबल के जरिए लोगों को परहेज करना नहीं सिखा रहे हैं, बल्कि उन्हें इस बात के लिए प्रेरित कर रहे हैं कि इतनी कैलोरी वाले मफिन को खाकर क्या वे उसके लिए जरूरी कसरत कर पाते हैं? यह प्रस्ताव एक तरह से लोगों को सही खानपान की आदत डाल देगा।

रॉयल सोसाइटी फॉर पब्लिक हेल्थ का कहना है कि इस तरह की लेबलिंग से ज्यादातर ग्राहक निश्चित तौर पर खुश होंगे, क्योंकि उन्हें पता होगा कि दिनभर में कितनी कैलोरी ले रहे हैं और उसे पचाने के लिए क्या करना होगा। इससे आने वाले दिनों में लोग मोटापे का कम शिकार होंगे। खानपान विशेषज्ञ टॉम क्विन का कहना है कि लेबलिंग से लोग इस बात को समझ ही जाएंगे कि गलत खान-पान की आदत कैसे रोकी जाए।