आखिर क्या कारण हैं कि ये महिला बनवाती है मरे हुए जानवरों की राख से अपने शरीर पर टैटू?

टैटू आज के समय का फैशन बन चुका है जिसमें कोई कीसी के प्रति प्यार दर्शाने को टैटू बनवाता हैं तो कोई शौकिया तौर पर। लेकिन आज इस कड़ी में हम आपको एक ऐसी महिला के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका टैटू बनवाने का अंदाज अपनेआप में अनोखा हैं और इसके पीछे का कारण भी आपको सोचने पर मजबूर कर देगा। हम बात कर रहे हैं अमेरिका के फ्लोरिडा की रहने वाली एलेक्जेंड्रा ऐश की जो मरे हुए जानवरों की राख से अपने शरीर पर टैटू बनवाती है। अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसा थोड़े होता हैं। तो आपको बता दें, कि यह सच हैं और इसके पीछे का कारण भी बेहद हैरान करने वाला हैं। 35 साल की एलेक्जेंड्रा ऐश घर में 50 से अधिक रेस्क्यू किए गए जानवरों के साथ रहती हैं और उनकी देखभाल करती हैं। उन्होंने अपना पूरा जीवन जानवरों को बचाने और पालने के लिए समर्पित कर दिया है।

उन्होंने शरीर पर गोद लिए जानवरों के कम से कम 30 टैटू गुदवा रखे हैं। इसके अलावा अपनी मरी हुई पालतू बिल्ली और मेमने की राख से दाहिनी बांह पर टैटू बनवाया है। जबकि तीन पैरों वाली बेबी लोमड़ी की राख से अपने दिल पर एक टैटू गुदवाया है। एलेक्जेंड्रा जब 18 साल की थीं, तब उन्हें ड्रग्स की लत लग गई थी। वे इस दलदल से बाहर आ चुकी हैं और उन्होंने अब अपना सारा जीवन जानवरों को बचाने और उन्हें पालने के लिए समर्पित कर दिया है। मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक, एलेक्जेंड्रा के हर टैटू के पीछे कोई न कोई कहानी है।

एलेक्जेंड्रा ने पहला टैटू 18 साल की उम्र में बनवाया था। इसके बाद उनकी पालतू बिल्ली और मेमने की मौत हो गई। फिर एक दोस्त के सुझाव के बाद उन्होंने मृत जानवरों की राख से दाएं हाथ पर टैटू बनवा लिया। उन्हें जानवरों से इतना लगाव है कि चार साल पहले अपने घर को एनिमल सेंक्चुरी में बदल दिया। एलेक्जेंड्रा का कहना है कि उन्होंने जानवरों से प्यार करना अपनी मां से सीखा है। वे बताती हैं कि 14 साल की उम्र से ही उन्होंने जानवरों को पालना शुरू कर दिया था। इनमें बेबी ड्रैगन, छिपकलियों समेत कुल 18 जानवर थे। आज उनके घर में 50 से अधिक जानवर हैं। इनमें घड़ियाल, छिपकलियां, कछुए, गिलहरियां, बंदर, सांप और बिल्लियां शामिल हैं।