यहां साल में 12 नहीं बल्कि होते हैं 13 महीने, अभी भी चल रहा वर्ष 2012

आप सभी साल 2020 में जीवन यापन कर रहे हैं और पूरी दुनिया भी एकसाथ चल रही हैं। हांलाकि विभिन्न देशों का समय ऊपर-नीचे हो सकता हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक ऐसा देश हैं जिसका समय ही नहीं बल्कि साल भी पीछे चल रहा हैं। जी हां, जहां दुनियाभर में साल 2020 चल रहा है, वहीँ इथियोपिया में अभी भी साल 2012 चल रहा हैं और यहाँ 12 नहीं बल्कि साल में 13 महीने होते हैं। अफ्रीका के दूसरे सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले देश के तौर पर जाने जाने वाले इथियोपिया का कैलेंडर दुनिया से सात साल, तीन महीने पीछे चलता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि यहां नया साल भी एक जनवरी नहीं बल्कि 11 सितंबर को मनाते हैं। अब ऐसा क्यों होता हैं आइये जानते हैं।

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दरअसल, दुनियाभर में माने जाने वाले ग्रेगोरियन कैलेंडर की शुरुआत वर्ष 1582 में हुई थी। इससे पहले जूलियन कैलेंडर का इस्तेमाल होता था, लेकिन ग्रेगोरियन कैलेंडर आने के बाद से कैथोलिक चर्च को मानने वाले कई देशों ने नया कैलेंडर स्वीकार कर लिया, जबकि कई देश इसका विरोध कर रहे थे। इनमें इथियोपिया भी शामिल था। यही वजह है कि यहां का कैलेंडर अब भी साल 2012 में ही अटका हुआ है।

आमतौर पर 12 महीनों का एक साल माना जाता है, लेकिन इथियोपियन कैलेंडर में एक साल में 13 महीने होते हैं। इनमें से 12 महीनों में 30 दिन होते हैं, जबकि अंतिम यानी 13वां महीना मात्र पांच या छह दिन का होता है। इस अंतिम महीने को पाग्युमे कहते हैं।

आपको जानकर हैरानी होगी कि इथियोपिया अफ्रीका का इकलौता ऐसा देश है, जिसके पास अपनी खुद की लिपि है, जबकि बाकी के सभी देश अपनी भाषाएं लिखने के लिए रोमन लिपि का इस्तेमाल करते हैं। यहां गीइज लिपि का इस्तेमाल होता है।

इथियोपिया पर इटली के पांच साल के एक छोटे से उपनिवेश काल को हटा दें तो इसपर कभी किसी औपनिवेशिक ताकत का राज नहीं रहा। यही वजह है कि यहां की स्थानीय लोकसंस्कृति अभी भी बरकरार है।

आप शायद नहीं जानते हों, लेकिन यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल जगहों में सबसे ज्यादा जगहें इथियोपिया की ही हैं। जैसे धरती पर सबसे गर्म जगह 'डलोल' इथियोपिया में ही है। यहां 41 डिग्री सेल्सियस का तापमान हमेशा बना रहता है।