अगर आप नौकरी करते है या आपके परिवार में कोई नौकरी करता हैं तो आपने देखा होगा कि कंपनी के द्वारा ही उनकी सैलेरी तय की जाती हैं और काम के अनुसार कंपनी की तरफ से प्रमोशन मिलता हैं। लेकिन क्या आप कभी ऐसा देखा है कि किसी कंपनी के कर्मचारी अपमी इच्छा के मुताबिक अपनी सैलेरी तय करते हो और उसे बढ़ा भी अपने अनुसार ही लेते हो। आज हम आपको एक ऐसी ही अनोखी कंपनी के बारे में बताने जा रहे है जहां ऐसा होता हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।
लंदन की इस कंपनी का नाम ग्रांटट्री है। दरअसल, यह कंपनी कारोबारी कंपनियों को सरकारी फंड हासिल करने में मदद करती है। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, इस कंपनी में काम करने वाली एक महिला कर्मचारी 25 वर्षीय सीसिलिया मंडुका ने अपने वेतन में छह लाख रुपये सालाना की बढ़ोतरी की है। अब उसकी तनख्वाह 27 लाख रुपये से बढ़कर करीब 33 लाख रुपये सालाना हो गई है। हालांकि इसको लेकर उनके मन में कई तरह के सवाल थे, लेकिन उनका मानना था कि उनका काम बदल गया है और वो अपने टारगेट (लक्ष्य) से भी काफी आगे निकल चुकी हैं। इसलिए उन्होंने अपना वेतन बढ़ाने का फैसला किया।
दरअसल, ग्रांटट्री में काम करने वाले कर्मचारियों को अपना वेतन बढ़ाने से पहले अपने साथी कर्मचारियों से चर्चा करनी पड़ती है। सीसिलिया ने भी ऐसा ही किया। हालांकि उनके साथी कर्मचारियों ने उनका वेतन बढ़ाने के प्रस्ताव का समर्थन किया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ग्रांटट्री कंपनी में करीब 45 कर्मचारी (employee) काम करते हैं और सभी लोग अपना वेतन खुद ही तय करते हैं और जब चाहें उसमें बदलाव भी कर लेते हैं। हालांकि अपना वेतन बढ़ाने से पहले कर्मचारी ये भी देखते हैं कि उसी काम के लिए अन्य कर्मचारियों को कितना वेतन मिल रहा है और अपने काम के हिसाब से उन्हें और कितना अधिक पैसा कंपनी से लेना चाहिए।