आखिर क्यों दिल्ली में दी जा रही छोटे-छोटे बच्चों को पेंशन, कारण चिंता के साथ मुस्कान लाने वाला

सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद पेंशन के रूप में एक राशि दी जाती हैं ताकि वे अपने जीवन का निर्वाह कर सकें। लेकिन क्या आपने कभी सुना है की बच्चों को पेंशन दी जा रही हो। जी हां, दिल्ली में एक अनोखा मामला सामने आया हैं जहां सरकार द्वारा दो बच्चों को पेंशन दी जा रही हैं और यह उनके 18 साल की उम्र होने तक दी जाएगी। आइये जानते हैं इस पूरे मामले के बारे में।

सरकार द्वारा जिन दो बच्चों को पेंशन दी जा रही हैं इनमें एक बच्चे की आयु चार साल, तो दूसरे की आयु है साढ़े पाँच वर्ष का। इन दोनों बच्चों को 18 वर्ष यानि बालिग होने तक हर महीने साढ़े छह हजार रुपये की पेंशन मिलती रहेगी। बच्चों का बैंक अकाउंट खुल गया है। इनकी दादी को अभिभावक बनाकर बैंक से पैसे निकालने का अधिकार दिया गया है।

दिल्ली लीगल सर्विस अथॉरिटी के सचिव संदीप गुप्ता की अथक कोशिशों और 'स्कीम फॉर फाइनेंशियल सस्टेनेंस एजुकेशन एंड वेलफेयर ऑफ चिल्ड्रन 2014' के प्रावधान से यह संभव हो पाया है। संभवतया यह नई दिल्ली का इस तरह का पहला मामला है, जब दो बच्चों की पेंशन शुरू हो रही है। यह मामला हौजकाजी क्षेत्र का है, जहां 2012 में अकरम हुसैन का निकाह मुन्नवर जहां के साथ हुआ था। 29 मार्च 2018 को पति पत्नी में झगड़ा हो गया। विवाद के दौरान मुन्नवर आग की लपटों में बुरी तरह झुलस गई थी। उसने अस्पताल में बयान दिया कि उसे पति अकरम ने जलाया है। सात अप्रैल को उपचार के दौरान मुन्नवर की मौत हो गई थी।

इसके बाद पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। वह तिहाड़ जेल में बंद है, किन्तु दंपती के दो छोटे छोटे बच्चों को संभालने वाला अब कोई नहीं था। मुन्नवर के परिजनों ने आर्थिक सहायता के लिए कई दरों पर गुहार लगाई। उनका कहना था कि बच्चों की माँ को मार डाला गया है और पिता जेल में कैद हैं। अब इनका गुजारा किस तरह होगा। इसके बाद संदीप गुप्ता की कोशिशों के उपरांत अब दिल्ली सरकार ने दोनों बच्चों को पेंशन देने का फैसला किया है।