जब भी बेटी की कभी शादी होती हैं तो एक पिता उसकी शादी को यादगार बनाने के लिए हर संभव प्रयास करता हैं। कई जगहों पर पिता के द्वारा अपनी बेटी की शादी में कई चीजें देते हैं। ऐसे में आज हम आपको एक ऐसी घटना के बारे में बताने जा रहे हैं जिसमें एक बेटी ने खुद अपने पिता से दहेज़ में ऐसी चीज मांगी जो हैरान करने वाली थी। उसने अपने पिता से अपने वजन जितनी किताबों की मांग की हैं। वही उसकी इस मांग से प्रेरित होकर पिता ने उसे यह वचन दिया कि वह एक गाड़ी भरकर किताबें देकर ही उसे विदा करेंगे।
यह महिला नानमवा में रहने वाले शिक्षक हरदेव सिंह जाडेजा की बेटी किन्नरी बा को बचपन से ही किताबें पढ़ने का शौक रहा है। वही उसके घर पर ही 500 किताबों की लायब्रेरी हैं। उसके किताबों के शौक के चलते बेटी किन्नरी को अच्छे संस्कार मिल गए। उसकी शब्द संपदा भी काफी बढ़ गई। जिससे वह एक कुशल वक्ता भी बन गई। अपने विचारों को वह धारदार तरीके से रखना जानती है। जब उसकी सगाई वडोदरा के भगीरथ सिंह सरवैया के बेटे कनाडावासी इंजीनियर पूर्वजीत सिंह से हुई, तो किन्नरी ने अपने पिता से कहा-मेरी शादी में आप दहेज के रूप में मेरे वजन जितनी किताबें देंगे, तो मुझे बहुत ख़ुशी मिलेगी। यह बात सुन कर उसके पिता को बहुत ही खुशी हुई। वही पिता ने बेटी को वचन दिया कि वे उसे एक गाड़ी भरकर 2200 किताबें दहेज के रूप में देंगे, यह सुनकर बेटी की आंखों में खुशी के आंसू आ गए। वही दोनों भावविभोर हो गए।बेटी की इस इच्छा को पूर्ण करने के लिए पिता ने पहले पुस्तकों की एक सूची बनाई, फिर 6 महीने तक दिल्ली, काशी और बेगलुरू सहित कई शहरों से किताबें इक्कठा की। शिक्षक पिता ने कहा कि बेटी को दी जाने वाली किताबों में महर्षि वेद व्यास से लेकर आधुनिक लेखकों की अंग्रेजी, हिंदी और गुजराती भाषा की किताबें खरीदी गई हैं। गुरुवार की शाम को बेटी की विदाई होगी तभी पिता अपनी बेटी को ये सारी किताबें एक गाड़ी में भरकर देंगे। बेटी की एक अच्छी पहले की सभी तारीफ कर रहे हैं। हमारे देश में दहेज प्रथा को पूर्णरूप से ख़तम करने की आवश्यकता हैं।