यहां परिवार में किसी की मौत होने पर रोने की बजाय किया जाता हैं सेलेब्रेशन!

जब परिवार या रिलेशन में किसी की मौत होती हैं तो उसके दुनिया छोड़कर जाने का दुख सभी को होता हैं। परिवार के लोगों का तो रो-रोकर बुरा हाल हो जाता हैं और कई दिनों तक शोक मनाया जाता हैं। कई लोगों को तो इतना सदमा लगता हैं कि वे खाना-पीना तक छोड़ देते हैं। लेकिन अब जरा सोचिए कि किसी के घर में कोई मौत हो और वहां रोने की बजाय सेलेब्रेशन किया जा रहा हो! आप सोच रहे होंगे कि हम ये क्या बकवास कर रहे हैं। लें यह बकवास नहीं बल्कि सच हैं। इंडोनेशिया के बाली द्वीप में लोग परिवार के किसी भी सदस्य की मौत पर खुशियां मनाते हैं। यहां इंसान की मौत किसी पर्व से कम नहीं होती है। यहाँ जब कोई मरता है तो उसके घर के बाहर घी का दिया जलाया जाता है और शव को ठीक दहलीज पर रखकर शुभ मुहूर्त की प्रतीक्षा की जाती है। केवल यही नहीं बल्कि कभी-कभी तो दफनाने का यह शुभ मुहूर्त कई दिनों तक नहीं आता है।

यहां जब भी कोई मरता है तो उनका यह उल्लास और पर्व काफी लंबे समय तक चलता है। बाली निवासियों का मानना है कि मृत्यु के पश्चात आत्मा सभी बंधनों से मुक्त हो जाती है इसीलिए पारिवारिक सदस्यों को उत्साहित होकर आत्मा के बंधन मुक्त होने की खुशियां मनानी चाहिए। इसके अलावा जब किसी परिवार में किसी सदस्य की मृत्यु होती है तो उस परिवार के लोग रंग-बिरंगी पोशाकों में शव को अंतिम विदाई देते हैं। यहाँ युवतियां महंगे और चमकीले आभूषण पहनकर निकलती हैं। वहीं बालों में सुंदर फूल लगाकर और बैंड बाजे के साथ सब बाहर निकलते हैं और साथ-साथ चलती हुई मृदंग की ध्वनि पर्व जैसा अहसास करवाती है।

कहा जाता है यहाँ जुलूस की तरह शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जाता है और जुलूस के आगे-आगे रेशमी कपड़ों और फूल-मालाओं से लिपटा एक साठ फीट लंबा स्तंभ चलाया जाता है और इस स्तंभ के अंदर ही शव को रखा जाता है। आप सभी को बता दें कि बाली द्वीप के लोगों की आर्थिक स्थिति इतनी सशक्त नहीं होती कि वह शव का अंतिम संस्कार कर पाएं इसीलिए अधिकांश लोगों को अपना घर तक बेचना पड़ता है।