कोरोना: 80 एकड़ जमीन पर पाकिस्तान ने तैयार किया नया कब्रिस्तान!

कोरोना वायरस (Coronavirus) से पाकिस्तान (Pakistan) में 35 लोगों की मौत हो चुकी है वहीं अभी तक इस वायरस से 2458 लोग संक्रमित हो चुके है। पाकिस्तान में कोरोना वायरस के मामले बढ़ने की आशंका के बीच पाकिस्तान के कई प्रांतों ने नए कब्रिस्तान बनाने शुरू कर दिए हैं। इस कब्रिस्तान का इस्तेमाल सिर्फ कोरोना पीड़ितों की लाशों को दफनाने के लिए ही होगा। सरकारें कोरोना पीड़ितों के लिए अलग से कब्रिस्तान इसलिए बना रही हैं ताकि संक्रमण फैलने का खतरा ना बढ़े। 80 एकड़ का यह कब्रिस्तान कराची शहर के नेशनल हाईवे और सुपर हाईवे की लिंक रोड के पास होगा। पाकिस्तान के पंजाब और सिंध प्रांत कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। पंजाब में 928 और सिंध प्रांत में 783 मामले हैं। पाकिस्तानी न्यूज चैनल एआरवाई के मुताबिक, सिंध सरकार ने कोरोना वायरस के मृतकों को दफनाने के लिए कराची में 80 एकड़ की जमीन आवंटित कर दी है। यहां पहले शव को दफना भी दिया गया है।

कराची के मेयर वसीम अख्तर ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया है कि कोरोना वायरस पीड़ितों के अंतिम संस्कार के लिए अलग से पांच कब्रिस्तानों की व्यवस्था की गई है। मेयर ने बताया कि कोरोना वायरस पीड़ितों को मोहम्मद शाह, सुर्जनी, मोवच गोथ, कोरंगी, गुलशन-ए-जिया कब्रिस्तान में दफनाया जा सकता है।

अंतिम संस्कार के लिए जारी किए दिशा-निर्देश


पाकिस्तान में कोरोना पीड़ितों के अंतिम संस्कार के लिए दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं। सिंध सरकार की ओर से शेयर की गई गाइडलाइन के मुताबिक, कोरोना पीड़ित के रिश्तेदारों को शव से दूरी बनाए रखनी चाहिए और उसके संपर्क में आने से बचना चाहिए। सरकार ने ये भी कहा है कि सिर्फ करीबी रिश्तेदार ही अंतिम संस्कार में शामिल हो सकते हैं। तमाम सुरक्षात्मक उपायों के साथ ही शव को कब्रिस्तान लाया जाएगा। सरकार की ओर से एक टीम भेजी जाएगी जो कोरोना पीड़ित के शव को दफनाने के लिए तैयार करेगी। अगर परिवार का कोई सदस्य इस प्रक्रिया में हिस्सा लेना चाहता है तो उसे अनिवार्य तौर पर प्रोटेक्टिव सूट पहनने होंगे। डेड बॉडी को ताबूत में रखने से पहले उसे क्लोरीन से डिसइन्फेक्ट किया जाएगा। इसके साथ ही परिजनों की काउंसलिंग भी की जाएगी ताकि वे संक्रमण फैलने के खतरे को लेकर जागरुक हो सकें और सरकार के सभी दिशा-निर्देशों को समझ सकें। सरकार ने लोगों को चेतावनी दी है कि किसी भी हालत में प्रक्रिया पूरी होने पर ताबूत को खोला ना जाए। शव को सरकारी वाहन से ही कब्रिस्तान तक ले जाया जाएगा।