किम जोंग का तानाशाही फैसला, मास्क नहीं लगाने पर मिलेगी यह कड़ी सजा

उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग के बारे में तो सभी जानते हैं कि वे किस तरह अपने तानाशाही फैसलों के लिए सुर्ख़ियों में बने रहते हैं। उत्तर कोरिया के अनोखे और अजीबोगरीब नियम हमेशा हैरान करने वाले होते हैं। अब ऐसा ही एक अनोखा नियम कोरोना की इस महामारी में लिया गया हैं जिसमें मास्क नहीं लगाने पर कड़ी सजा का ऐलान किया गया हैं। उससे भी ज्यादा हैरान करने वाली बात यह हैं कि इससे पहले किम जोंग उत्तर कोरिया में कोरोना वायरस का कोई भी मामला नहीं है इसका ऐलान कर चुके हैं।

तानाशाह किम जोंग के नए नियम के मुताबिक, मास्क नहीं पहनने पर नागरिकों को तीन महीने तक कड़ी मजदूरी की सजा दी जाएगी। रेडियो फ्री एशिया की रिपोर्ट के मुताबिक, मास्क नहीं पहनने वाले लोगों की पहचान करने और उन्हें पकड़ने के लिए छात्रों की एक 'फेस मास्क गश्त' टीम बनाई जाएगी। इसके लिए छात्रों की भर्तियां जल्द ही होने वाली हैं।

चूंकि उत्तर कोरिया में कोरोना वायरस का मामला है या नहीं और अगर है तो कितना है, इस बारे में दुनिया को कोई जानकारी नहीं है, लेकिन इससे बचाव के लिए यहां कई कदम उठाए गए हैं। जैसे कि- लोगों के एक जगह जमा होने पर रोक लगा दी गई है और मास्क पहनने के अलावा जो लोग बॉर्डर (सीमा) पर काम करते हैं, उनके लिए अलग रहना आवश्यक कर दिया गया है।

इसी महीने की शुरुआत में किम जोंग ने दावा किया था कि कोरोना संकट से निपटने में उसके देश को सफलता मिली है। जनवरी महीने के आखिर में ही, जब कोरोना वायरस का प्रसार होना शुरू हुआ था, उत्तर कोरिया ने इसके संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए तेजी से कदम उठाए थे। उसने देश की सभी सीमाएं सील कर दी थी। साथ ही एहतियातन सैकड़ों लोगों को क्वारंटीन भी किया गया था। कुछ दिन पहले ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी कहा था कि उत्तर कोरिया में अभी तक केवल 922 लोगों की कोरोना जांच हुई है, जिसमें से कोई भी मामला पॉजिटिव नहीं है।

बता दें कि दुनियाभर में कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है। पूरे विश्व में कोरोना संक्रमितों की संख्या डेढ़ करोड़ के पार चली गई है जबकि मरने वालों की संख्या भी छह लाख के पार है। फिलहाल इसका टीका नहीं बन सका है, लेकिन इसको लेकर प्रयास जारी है। हालांकि रूस का कहना है कि उसने वैक्सीन तैयार कर ली है और सितंबर में वो बाजार में उपलब्ध हो जाएगी। रूस के अलावा भारत, अमेरिका, ब्रिटेन और चीन भी वैक्सीन बना रहे हैं। माना जा रहा है कि उनकी भी वैक्सीन जल्द ही बाजार में उपलब्ध हो जाएगी।