वर्तमान समय में देश-दुनिया में कोरोना के कहर के चलते सभी परेशान हैं और वैज्ञानिकों द्वारा इसकी वैक्सीन को ढूँढने के प्रयास किए जा रहे हैं। बाजार में इसके चलते कई एनी दवाइयों की भी किल्लत होने लगी हैं। ऐसा ही एक मामला देखने को मिला चेन्नई में जहां एक बेटे को अपनी पिता की दवाई के लिए कई किलोमीटर का सफर तय करना पड़ा। 28 वर्षीय जोएल पिंटो को डॉक्टर्स ने कहा कि उनके पिता का इलाज तभी हो सकता है, जब उन्हें Tocilizumab नाम की दवा मिल पाएगी। लेकिन ये दवा शहर में उपलब्ध नहीं थी।
मिली जानकारी के मुताबिक, शहर में बीते 15 दिनों से ये दवा नहीं है। इस दवा की कीमत भी 75 हजार से लेकर 90 हजार रुपये तक है। इस बारें में जोएल बताते हैं, ‘पहले डॉक्टर्स ने मुझे बताया कि दवा दो दिनों में डिलीवर हो जाएगी। फिर उन्होंने कहा कि दवा के आने का कोई वक्त नहीं पता चल पा रहा। जोएल के पिता बीते दो वर्षों से लंग इफेक्शन से जूझ रहे हैं। यहां दवा फेफड़ों में बढ़ रहे इंफ्लामेशन को कम करती है। जोएल बताते हैं, ‘मेरी ही तरह कई लोग इस दवा की तलाश में थे। लेकिन दवा मिल ही नहीं थी।’ सोमवार को उनके पिता को अस्पताल में 13वां दिन था। डॉक्टर्स ने बताया कि दिक्कत ज्यादा बढ़ती जा रही है।बता दें की जोएल के पिता बीते दो वर्षों से लंग इफेक्शन से जूझ रहे हैं। यहां दवा फेफड़ों में बढ़ रहे इंफ्लामेशन को कम करती है। जोएल बताते हैं, ‘मेरी ही तरह कई लोग इस दवा की तलाश में थे। लेकिन दवा मिल ही नहीं थी।’ सोमवार को उनके पिता को अस्पताल में 13वां दिन था। डॉक्टर्स ने बताया कि दिक्कत ज्यादा बढ़ती जा रही है। इसके बाद जोएल को पता चला कि हैदराबाद में दवा मिल रही है। बाय पोस्ट वहां से दवा आने में तीन दिनों तक का समय भी लग सकता है। जोएल ने एडवांस में ही फार्मासिस्ट को 92,000 रुपये डाल दिए और ई-पास का बंदोबस्त किया। इस बारें में जोएल ने बताया, ‘इसके बाद मैं अपनी कार से हैदराबाद के लिए निकल गया। मंगलवार को 1 बजे के करीब वहां पहुंचा, दवा ली और साथ के साथ वापस चल दिए।’ डॉक्टर्स ने फिलहाल उनके पिता का ट्रीटमेंट शुरू कर दिया है।