आप सभी ने डायनासोर के बारे में तो सुना ही होगा कि पहले के समय में विशालकाय जीव-जंतु हुआ करते थे जिनके अभी भी कई जगहों पर जीवाश्म पाए जाते हैं। लेकिन क्या आपने कभी कछुए के बारे में सुना है कि पहले के समय कैसे कछुए हुआ करते थे। हाल ही में अमेरिका के कोलंबिया के ताताकोआ रेगिस्तान में एक विशालकाय कछुए के जीवाश्म प्राप्त हुए हैं जो कि बहुत हैरान करने वाले हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह आकार में एक कार के बराबर है।
धरती पर कभी डायनासोर जैसे विशालकाय जीव-जंतु रहा करते थे, ये तो हम सभी जानते हैं और समय-समय पर कई जगहों से उनके जीवाश्म भी मिलते रहते हैं। एक ऐसा ही जीवाश्म दक्षिण अमेरिका के कोलंबिया के ताताकोआ रेगिस्तान में मिला है। यह जीवाश्म एक विशालकाय कछुए का है। अब आप समझ सकते हैं कि यह कितना बड़ा होगा।
वैज्ञानिकों की मानें तो इस विशालकाय कछुए की लंबाई 13 फीट और वजन करीब 2।5 टन रहा होगा। दावा किया जा रहा है कि ऐसे कछुए उत्तर-दक्षिण अमेरिका में 1।3 करोड़ साल पहले पाए जाते थे। वैज्ञानिकों ने कछुए के जीवाश्म को स्टुपेंडेमी जिग्राफीकस नाम दिया है। यह दक्षिण अमेरिका के कोलंबिया के ताताकोआ रेगिस्तान और वेनेजुएला के उरूमाको क्षेत्र में मिला है।
आमतौर पर कछुओं के सींग नहीं होते, लेकिन बताया जा रहा है कि नर स्टुपेंडेमी कछुए के कवच के दोनों ओर सामने की तरफ सींग होते थे, जिसका इस्तेमाल वो शायद दूसरे जीवों से अपने क्षेत्र की सुरक्षा या मादा कछुए के लिए लड़ाई के तौर पर किया करते थे।
इस हैरान करने वाले शोध को जर्नल साइंस में प्रकाशित किया गया है। बोगोटा के जीवाश्म विज्ञानी एडविन कैडेना के नेतृत्व में यह शोध हुआ। हालांकि यह पहली बार नहीं है जब इतने बड़े कछुए का जीवाश्म मिला हो। इससे पहले साल 1970 में भी स्टुपेंडेमी कछुए का जीवाश्म मिला था, लेकिन उस समय इसके बारे में कई सारी चीजें नहीं पता चल सकी थीं।
वैज्ञानिकों के मुताबिक, सीगोइंग आर्कीलोन धरती पर सबसे बड़े कछुए के तौर पर विख्यात है। इसके बाद स्टुपेंडेमी ऐसा है, जो दुनिया का सबसे बड़ा कछुआ माना जाता है। सीगोइंग आर्कीलोन डायनासोर युग के अंत के समय यानी करीब 7 करोड़ साल पहले धरती पर रहते थे। इनकी लंबाई 4।6 मीटर हुआ करती थी।