कोरोना से भरी संकट की इस घडी में दुनियाभर के कई देशों में लॉकडाउन की स्थिति हैं और सभी ने खुद को अपने घरों में आईसोलेट किया हुआ हैं। ऐसे में एक ब्रिटिश परिवार ने खुद को आईसोलेट करने के लिए इंडोनेशिया के खूबसूरत द्वीप बाली को चुना। जी हां, यह परिवार दूसरे विदेशियों की तरह यहां फंसा हुआ नहीं है बल्कि खुद सुकून और चैन पाने के लिए यहां आया हैं। इस परिवार में कुल चार लोग हैं, जिसमें 49 वर्षीय डेव, 39 वर्षीय उनकी पत्नी कोरिन प्रुडेन और उनके जुड़वां बच्चे हैं।
परिवार ने इंस्टाग्राम पर अपनी कहानी बयां करते हुए बताया कि 16 मार्च को वो लंदन से बाली गए थे। वो पिछले पांच साल से हंगरी के बुडापेस्ट में रह रहे हैं और वहीं पर उनका एक कैफे है, लेकिन लॉकडाउन की वजह से सबकुछ बंद हो गया और वो लौट नहीं पाए। चूंकि उन्होंने पहले ही प्लान बनाया था कि वो कम से कम छह महीने के लिए घूमने और रहने दक्षिणी अमेरिका जाएंगे, लेकिन कोरोना की वजह से अमेरिका के हालात काफी खराब हो गए, इसलिए उन्होंने बाली जाने का प्लान बनाया और फटाफट फ्लाइट की टिकट लेकर वो वहां पहुंच गए।
अब डेव अपने परिवार के साथ बाली के एक ग्रामीण इलाके में चावल के खेतों के पास बांस की झोपड़ी में रह रहे हैं। उन्होंने ये जगह किराये पर ली है। उनका कहना है कि उन्हें यहां स्वर्ग जैसा अनुभव हो रहा है और अपने परिवार के साथ शांति और सुकून महसूस कर रहे हैं। इतना ही नहीं, खेतों के बीच में एक स्विमिंग पूल भी है, जहां डेव अपने परिवार के साथ नहाने का आनंद लेते हैं। वो कहते हैं कि उनके बच्चों को भी यहां काफी अच्छा लग रहा है।
परिवार का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से उनका कैफे बंद हो गया। ऐसे में लंदन या फिर बुडापेस्ट में रहना और खाना उनके लिए काफी महंगा पड़ता। साथ ही वो दिन-रात कोरोना की खबरें सुन-सुनकर तंग आ गए थे, इसलिए वो सबकुछ छोड़कर कुदरत के बीच पहुंच गए। अब उन्हें यहां पर किसी भी चीज की चिंता नहीं सताती है।
हालांकि इंडोनेशिया में भी कोरोना की वजह से लगभग सारी दुकानें और मॉल बंद हैं, लेकिन छोटी-मोटी दुकानें खुली हुई हैं, जहां वो कोई भी सामान खरीदने के लिए चले जाते हैं और आसपास का इलाका घूम भी लेते हैं। सोशल मीडिया पर उन्होंने बताया कि वाकई वो यहां शांति भरे माहौल में हैं।