इस दुनिया में कई प्रथाएं प्रचलित हैं जिनमें से कुछ तो बेहद अजीबोगरीब होती हैं। कई कुप्रथाएं हैं जो महिलाओं से जुड़ी हुई हैं। आज इस कड़ी में हम आपको एक ऐसी ही अनोखी प्रथा की जानकारी देने जा रहे हैं जिसमें लड़कियों को बलात्कार से बचाने के लिए दर्दनाक प्रक्रिया अपनाई जाती हैं। यह प्रथा अफ्रीका में अपनाई जाती हैं जिसमें लोगों का मानना है कि प्रथा का पालन करने से लड़कियों का रेप नहीं हो सकता और वो शादी से पहले गर्भवती नहीं होंगी। साथ ही कोई भी पुरुष लड़कियों पर बुरी नज़र नहीं डालेगा और वो सुरक्षित रहती हैं।
इस दुनिया में कई प्रथाएं प्रचलित हैं जिनमें से कुछ तो बेहद अजीबोगरीब होती हैं। कई कुप्रथाएं हैं जो महिलाओं से जुड़ी हुई हैं। आज इस कड़ी में हम आपको एक ऐसी ही अनोखी प्रथा की जानकारी देने जा रहे हैं जिसमें लड़कियों को बलात्कार से बचाने के लिए दर्दनाक प्रक्रिया अपनाई जाती हैं। यह प्रथा अफ्रीका में अपनाई जाती हैं जिसमें लोगों का मानना है कि प्रथा का पालन करने से लड़कियों का रेप नहीं हो सकता और वो शादी से पहले गर्भवती नहीं होंगी। साथ ही कोई भी पुरुष लड़कियों पर बुरी नज़र नहीं डालेगा और वो सुरक्षित रहती हैं।
'ब्रेस्ट आयरनिंग' प्रथा में किशोरावस्था में ही लड़कियों के स्तन विकसित होने की प्रक्रिया को रोक दिया जाता है। लड़कियों के स्तनों को बढ़ने से रोकने के लिए उन्हें गर्म लोहे की छड़ों या गर्म पत्थर से दाग दिया जाता है, ताकि वो चपटे हो जाएं और बढ़ें नहीं। 10 साल से कम उम्र की कई लड़कियां भी हर रोज़ इस प्रथा का शिकार होती हैं। आपको जानकर बेहद हैरानी होगी कि लड़कियों की ‘ब्रेस्ट आयरनिंग’ कोई और नहीं बल्कि खुद लड़की की मां ही करती है।‘ब्रेस्ट आयरनिंग’ के कारण महिलाओं को मानसिक एवं शारीरिक कष्टों का सामना करना पड़ता है। इनके स्तनों में दर्द होता है। चिकित्सकों का कहना है कि शरीर के संवदेनशील अंगों को इस तरह से दबाने से इन महिलाओं को कैंसर का खतरा हो सकता है।