हैदराबाद की एक छात्रा ने चावलों के 4,042 दानों पर गीता लिखने का कारनामा कर दिखाया है। कानून की पढ़ाई कर रहीं रामागिरी स्वारिका (Ramagiri Swarika) ने ये कारनामा किया है। समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में स्वारिका ने कहा 'मेरे नए काम में मैंने चावल के 4,042 दानों पर भागवत गीता लिखी है, जिसे पूरा होने में 150 घंटों का समय लगा। मैं माइक्रो आर्ट्स बनाने के लिए कई प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करती हूं।' उन्होंने कहा कि यह नया प्रोजेक्ट उनके पुराने 2000 कलाओं के संग्रह में शामिल होने जा रहा है। खास बात है कि स्वारिका इस काम में मैग्निफाइंग ग्लास (Magnifying Glass) का इस्तेमाल नहीं करतीं। इसके अलावा उन्होंने दूध, कागज और सीसम के बीज की मदद से भी कलाकारी की है।
स्वारिका ने बीते वर्ष 26 नवंबर को राष्ट्रीय कानून दिवस (National Law Day) मनाने के लिए बालों पर संविधान की प्रस्तावना लिखी थी। इसके लिए उन्होंने पहले बालों की किस्मों को इकट्ठा किया और बाद में उन्हें चिपका दिया। इसके बाद उन्होंने इस पर पतले ब्रश और सफेद पेंट की मदद से लिखा। स्वारिका बताती हैं कि उन्हें इस काम के लिए तेलंगाना की गवर्नर तमिलिसाई सुंदरराजन ने सम्मानित भी किया था।
इसके अलावा उन्हें नॉर्थ दिल्ली कल्चरल एकेडमी की ओर से राष्ट्रीय पुरस्कार भी दिया जा चुका है। उन्होंने कहा 'मुझे 2017 और 2019 में इंटरनेशनल ऑर्डर बुक ऑफ रिकॉर्ड्स का अवॉर्ड मिला, मुझे नॉर्थ दिल्ली कल्चरल एकेडमी की तरफ से राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया।' उन्होंने बताया 'मैं अब तक 2000 से ज्यादा माइक्रो आर्ट पर काम कर चुकी हूं।'
जज बनना चाहती हैं स्वारिकास्वारिका ने एएनआई को बताया मुझे हमेशा से ही आर्ट और म्यूजिक में दिलचस्पी रही थी और बचपन से लेकर अब तक कई अवॉर्ड जीते हैं। मैंने माइक्रो आर्ट की शुरुआत चार साल पहले चावल के दाने पर भगवान गणेश का चित्र बनाकर की थी। इसके बाद चावल के एक दाने पर अंग्रेजी के पूरे अल्फाबेट लिखे। स्वारिका आगे चलकर जज और महिलाओं के लिए प्रेरणा बनना चाहती हैं।'