शराब के पीछे हुआ था यह हास्यास्पद युद्ध, मारे गए थे 10 हजार सैनिक

दुनिया के इतिहास में कई युद्ध ने अपनी जगह बनाई हैं जो वीरता और देशभक्ति के लिए जाने जाते हैं। लेकिन बहुत कम युद्ध हैं जो अपने अनोखे कारणों के चलते प्रसिद्द हुए हो। ऐसा ही एक युद्ध था करीब 231 साल पहले हुआ 'बैटल ऑफ कैरनसीब्स' जिसे कि दुनिया का सबसे हास्यास्पद युद्ध कहा जाता हैं। इस युद्ध में हैरानी की बात तो यह थी कि इसमें दूसरी तरफ से लड़ने वाली कोई सेना नहीं थी फिर भी 10 हजार के करीब सैनिक मारे गए थे।

बात 1788 की है, जब करीब एक लाख ऑस्ट्रियाई सैनिक कैरनसीब्स शहर पर कब्जा करने के लिए निकले थे। उस समय ऑस्ट्रिया और तुर्की के बीच युद्ध भी चल रहा था। 21 सितंबर की रात उन्होंने टिमिस नदी के पास पहुंचकर कैरनसीब्स को चारों तरफ से घेर लिया। उन्हें नदी के आसपास तुर्की सेना तो नहीं दिखी, लेकिन नदी के उस पार उन्हें रोमानी लोगों का एक शिविर जरूर दिखाई दिया। जब ऑस्ट्रियाई घुड़सवार वहां पहुंचे तो रोमानी लोगों ने उन्हें शराब पीने का न्योता दिया।

अब चूंकि ऑस्ट्रियाई घुड़सवार थके हुए थे, इसलिए वो नदी किनारे रोमानी लोगों के साथ बैठकर शराब का लुत्फ उठाने लगे। इसी बीच कुछ ऑस्ट्रियाई पैदल सैनिक भी वहां पहुंच गए और घुड़सवारों को शराब पीता देख उन्होंने भी थोड़ी सी शराब की मांग की, लेकिन घुड़सवारों ने उन्हें मना कर दिया। इसपर वो भड़क गए और घुड़सवारों से भिड़ गए। इसी बीच अचानक किसी सैनिक ने गोली चला दी।

अब गोली की आवाज सुनकर नदी के दूसरी तरफ जो सैनिक आराम कर रहे थे, उन्हें लगा कि तुर्कों ने आक्रमण कर दिया है। इसलिए वो उठे और तुर्क्स-तुर्क्स (तुर्की के सैनिक) चिल्ताते हुए बिना कुछ समझे नदी के उस पार गोलियां बरसाने लगे। नदी के इस पार वाले सैनिकों को भी ऐसा ही लगा कि तुर्कों ने हमला बोल दिया है, इसलिए वो भी अंधाधुंध गोलियां बरसाने लगे और अपने ही सैनिकों को मारने लगे।

इधर, ऑस्ट्रियाई सैनिकों का नेतृत्व कर रहे जर्मन अधिकारी ने सैनिकों को ऐसा करने से रोका और 'हॉल्ट' का आदेश दिया, लेकिन ऑस्ट्रियाई सैनिक इसका मतलब नहीं समझ पाए और उन्हें लगा कि सैनिकों के बीच कोई 'अल्लाह-अल्लाह' चिल्ला रहा है। इसके बाद तो माहौल और भी खराब हो गया। ऑस्ट्रियाई सैनिकों को अंधेरे में अपने सैनिक ही तुर्की के सैनिक लगने लगे और वो अपनी जान बचाने के लिए एक दूसरे को ही मारने लगे। कहते हैं कि एक ऑस्ट्रियाई सैनिक ने तो अपने ही साथी सैनिकों पर तोपें चलवा दी थीं। इस तरह एक गलती की वजह से ऑस्ट्रियाई सैनिक आपस में ही भिड़ गए थे और हजारों की जान चली गई थी।