इस शख्स की अनूठी प्रतिभा की बढ़ाई कर चुके है अमिताभ बच्चन, चॉक को तराशकर बनाते हैं बेहतरीन स्कल्पचर

आपने यह तो देखा ही होगा की कई कलाकार अपनी प्रतिभा से अनोखी और आकर्षक मूर्तियाँ बनाते हैं। लेकिन क्या आपने कभी किसी ऐसे कलाकार के बारे में जानते हैं जो चॉक को तराशकर बेहतरीन स्कल्पचर बनाते है। ऐसे ही कलाकार हैं बेंगलुरु के रहने वाले सचिन सांघे जिनकी प्रतिभा की बढ़ाई अमिताभ बच्चन भी कर चुके हैं। यह शख्स चॉक को तराशकर बेहतरीन स्कल्पचर बनाता हैं जो कि देवी-देवताओं की आकृति से लेकर सेलिब्रिटी के पोट्रेट को सचिन छोटी सी चॉक पर उकेर देते हैं।

ताजमहल का स्कल्पचर बनाने में 80 घंटे लगे

सचिन ने बताया कि इंटरनेट की सुविधा ना होने की वजह से सीखने का कोई जरिया नहीं था। साधारण चॉक स्कल्पचर बनाने में पांच से छह घंटे, तो वहीं मुश्किल स्कल्पचर में 130 घंटे का समय लग जाता था। ताजमहल का स्कल्पचर तैयार करने में 80 घंटे लगे थे। यह काम करते हुए सचिन को 15 वर्ष हो चुके हैं।

माइक्रो स्कल्पचर कलाकार सचिन सांघे ने पेंसिल की नोक पर अमिताभ बच्चना का चेहरा उकेरा और आठ घंटे की मेहनत का फल बताते हुए ट्विटर पर शेयर कर दिया। पेंसिल की नोंक पर अपना चेहरा देखकर अमिताभ बच्चन भी दंग रह गए और उन्होंने सचिन के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा कि अरे बाप रे...अद्भुत है यह! बहुत-बहुत धन्यवाद। सचिन ने इंडियन सेलिब्रिटी समेत 200 से अधिक चॉक के मिनिएचर बनाए हैं।

स्कूल में पढ़ाई के समय ही लगा शौक

सचिन हाई स्कूल में पढ़ते समय हमेशा ब्लैकबोर्ड पर नोट्स लिखते थे। इसी दौरान उनका चॉक से खास रिश्ता जुड़ गया। उन्होंने अपने ज्योमेट्री टूल्स की मदद से चॉक पर कारीगरी करना शुरू कर दी। समय के साथ-साथ उनकी यह कला और बेहतर होने लगी। लेकिन इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ाई के वजह से वो इस काम से दूर हो गए। नौकरी लग जाने के बाद सचिन ने फिर से अपने कला पर ध्यान देना शुरू कर दिया।

सबसे पहले भगवान महावीर का स्कल्पचर

सचिन ने सबसे पहले चॉक पर कलाकारी की शुरुआत अक्षर और नाम उकेरने से की थी। फिर वो इसे अपने सगे-संबंधियों को गिफ्ट दे देते थे। सचिन का जब हाथ अच्छे से सध गया, तो उन्होंने सबसे पहले भगवान महावीर की मुर्ति बनाई थी। चॉक मुर्ती कला के साथ सचिन माइक्रो मुर्ति कला में भी प्रवीण होते चले गए।